Paper Leak case: आरओ/एआरओ पेपर लीक प्रकरण में गिरफ्तार प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी सुनील रघुवंशी बार-बार विशाल को कोसता रहा। एसटीएफ अफसरों की पूछताछ में वह यही कहता रहा कि विशाल की दगाबाजी से ही पूरा खेल खराब हुआ। उसके मना करने के बावजूद उसने सुभाष व राजीव नयन को पेपर भेजा और इसके चलते ही मामला चर्चा में आ गया।
एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में उसने बताया कि वह 10 लाख रुपये में पेपर प्रेस से बाहर लाने को तैयार हुआ था। हालांकि वह जानता था कि पेपर वायरल हुआ तो वह पकड़ लिया जाएगा।यही वजह थी कि उसने 10 लाख रुपयों के साथ यह भी शर्त रखी कि प्रश्नपत्र होटल से बाहर नहीं जाएगा। तब विशाल व सुभाष ने इसके लिए हामी भरी और उसे भरोसा दिलाया कि प्रश्नपत्र होटल में ही सॉल्व किए जाने के साथ अभ्यर्थियों को यहीं रटवाया भी जाएगा।हालांकि दोनों अपनी बात पर कायम नहीं रहे। उन्होंने नौ फरवरी की रात पेपर व्हाट्सएप से राजीव नयन को भेज दिया और फिर यह एक से दूसरे व्यक्ति के मोबाइल पर भेजा जाने लगा। सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ के दौरान सुनील कई बार रोया भी।
कई महीनों से रखे था नजर
जांच पड़ताल में यह बात भी सामने आई कि मेजा निवासी विशाल प्रिंटिंग प्रेसकर्मी सुनील पर कई महीनों से नजर रखे हुए था। दरअसल उसे जब पता चला कि उसके साथ का पढ़ा हुआ सुनील प्रिंटिंग प्रेस में नौकरी करता है जहां प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र छपाई के लिए आते हैं तो उसने यह बात राजीव नयनएवं सुभाष प्रकाश को बताई।इस पर राजीव नयन ने दोनों से सुनील के संपर्क में रहने को कहा। यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में होने वाली किसी परीक्षा का प्रश्नपत्र छपने के लिए आने पर उसे फौरन सूचना दें और प्रश्नपत्र आउट कराने के लिए किसी भी हाल में सुनील को तैयार भी करें।
इसके बाद से ही विशाल लगातार सुनील के संपर्क में रहने लगा। इसी दौरान एक दिन उसने सुनील से कहा कि यूपी की किसी भी परीक्षा का प्रश्नपत्र छपने के लिए आए तो वह उसे सूचना दे। रुपयों के लालच में सुनील ऐसा करने को तैयार हो गया और जब आरओ-एआरओ का पेपर पहुंचा तो उसे सूचना दे दी। जब विशाल ने उसे लाखों रुपये का ऑफर दिया तब वह पेपर लीक कराने को भी राजी हो गया।
भोपाल की प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ
आपको बता दें कि उप्र लोक सेवा आयोग की आरओ/एआरओ परीक्षा का प्रश्नपत्र भोपाल स्थित प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ। परीक्षा से आठ दिन पहले ही राजीव नयन मिश्र एंड कंपनी ने प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी सुनील रघुवंशी की मदद से पेपर बाहर निकलवा लिया था। आरोपी कर्मचारी के साथ ही कुल छह आरोपियों को गिरफ्तार एसटीएफ ने रविवार को मामले का पर्दाफाश कर दिया।
एसटीएफ ने 21 अप्रैल को खुलासा किया था कि आरओ/एआरओ परीक्षा का प्रश्नपत्र प्रयागराज के बिशप जॉनसन गर्ल्स कॉलेज केंद्र के अलावा एक अन्य जगह से भी लीक कराया गया। मेरठ जेल में बंद नकल माफिया राजीव नयन मिश्र से पूछताछ में पता चला था कि उसे यह पेपर उसके दोस्त सुभाष प्रकाश निवासी मधुबनी ने पहले ही भेजा था।
इसके बाद से ही सुभाष की तलाश की जा रही थी। एसटीएफ को जांच में पता चला कि परीक्षा का प्रश्नपत्र उप्र लोक सेवा आयोग की ओर से भोपाल स्थित प्रिंटिंग प्रेस में छपवाया गया था। यह भी पता चला कि तब सिपाही भर्ती का पेपर आउट कराने वाला मास्टरमाइंड राजीव नयन भी अपने गैंग के कुछ सदस्यों के साथ भोपाल में ही रह रहा था।जांच में एक-एक कर कुल छह नाम सामने आए, जिन्हें रविवार को सटीक सूचना पर प्रयागराज में कंडीगंज स्थित परेड ग्राउंड से मिंटो पार्क की तरफ जाने वाले मार्ग से गिरफ्तार किया गया। इनमें मधुबनी का सुभाष प्रकाश, प्रयागराज का विशाल दुबे, संदीप पांडेय, गया का अमरजीत शर्मा और बलिया का विवेक उपाध्याय शामिल हैं।
ऐसे लीक कराया पेपर
योजना के मुताबिक, सुनील प्रश्नपत्र की छपाई पर नजर रखने लगा। प्रिंटिंग के दौरान यदि कोई प्रश्नपत्र स्याही आदि के कारण थोड़ा बहुत खराब हो जाता है, तो उसे छांटकर अलग रखा जाता है और बाद में कटर मशीन में नष्ट कर दिया जाता है। तीन फरवरी को सुनील मशीन की मरम्मत के बहाने मौजूद था और मौका देखकर प्रिंटिंग प्रेस मशीन के एक पार्ट को बाहर ठीक कराने के नाम पर पानी की बोतल लेकर प्रेस से बाहर आ गया। इन्हीं में वह एक प्रश्नपत्र भी छिपाकर बाहर लाया और इस तरह से पेपर लीक कराया गया।
10 लाख रुपये की हुई थी डील
पूछताछ में सुनील ने बताया कि प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने के लिए उसकी राजीव नयन एंड कंपनी से 10 लाख की डील हुई थी। उसने प्रश्नपत्र भोपाल में अपने सामने ही पढ़वाए जाने की शर्त भी रखी, ताकि व्यापक रूप से प्रश्नपत्र वायरल न होने जाए। इस पर राजीव नयन व उसके साथियों ने हामी भी भरी। हालांकि, बाद में सुभाष व विशाल ने इसकी फोटो राजीव नयन के मोबाइल पर भी भेजी जिसके बाद पेपर वायरल हुआ।