नई दिल्ली – शिक्षा मंत्रालय ने देश में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं को निष्पक्ष बनाने के लिए अहम कदम उठाया है। NTA में सुधार के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है। इस समिति में पूर्व ISRO प्रमुख और पूर्व AIIMS डायरेक्टर समेत 7 एक्सपर्ट को शामिल किया गया है। देश में हाल के दिनाें NEET UG और CSIR UGC NET और बिहार शिक्षक भर्ती समेत कई परीक्षाओं के पेपर लीक होने के मद्देनजर गठित की गई है।
क्या काम करेगी यह कमेटी
यह कमेटी परीक्षाओं को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए सुझाव देगी। समिति को प्रतियोगी परीक्षा प्रक्रिया को सुधारने, डेटा सुरक्षा को मजबूत करने और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के कामकाज पर सिफारिशें सौंपने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। समिति 2 महीने में अपनी रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय को सौंपेगी, जिसमें परीक्षाओं को पारदर्शी ढंग से आयोजित करने और इस प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाने के उपाय शामिल होंगे।
समिति के प्रमुख और सदस्य
इस समिति की अध्यक्षता पूर्व इसरो प्रमुख डॉ. के राधाकृष्णन करेंगे। साथ ही इसमें AIIMS दिल्ली के पूर्व डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया समेत 7 एक्सपर्ट शामिल होंगे। जानें कौन कौन हैं इस परीक्षा सुधार कमेटी में केंद्रीय विश्वविद्यालय हैदराबाद के कुलपति, प्रो. बी. जे. राव, आईआईटी मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एमिरेट्स प्रो. राममूर्ति के, पीपल स्ट्रॉन्ग संस्था के को-फाउंडर पंकज बंसल, IIT दिल्ली के स्टूडेंट अफेयर्स के डीन,प्रो. आदित्य मित्तल और शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल शामिल हैं।
UGC NET परीक्षा रद्द करने पर शिक्षा मंत्री क्या बोले?
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि नेट पेपर को लेकर शिकायतों के बाद हम नेशनल साइबर सिक्योरिटी एजेंसी के साथ संपर्क में थे। हमें पता चला कि पेपर की कुछ जानकारी डार्कनेट पर आ गई है। टेलीग्राम ऐप पर पेपर लीक हुआ था, जिसे बाद में हमने ओरिजनल पेपर से मिलाया। इसके बाद परीक्षा की पवित्रता और सुचिता बनाए रखने के लिए इसे रद्द कर दोबारा कराने का निर्णय लिया गया है।
पेपल लीक रोकने के लिए केंंद्र ने लागू किया कानून
केंद्र सरकार ने शुक्रवार आधी रात को लोक परीक्षा कानून, 2024 की अधिसूचना (नोटिफिकेशन) जारी किया।लोक परीक्षा कानून, 2024 के तहत पेपर लीक के दोषी पाए जाने वाले दोषियों पर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस कानून के तहत, पेपर लीक करने या उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ करने वालों को कम से कम तीन साल की जेल और ₹10 लाख तक का जुर्माना हो सकता है। सजा पांच साल तक भी बढ़ाई जा सकती है।