बलौदाबाजार – छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में 10 जून को हुए आगजनी की घटना के बाद नुकसान का दर्द देखने को मिला। वहां से जान बचाकर भागे सैकड़ों कर्मचारी, आम लोग और पुलिसवाले जब अपनी गाड़ियां लेने दूसरे दिन कलेक्ट्रेट पहुंचे तो वहां गाड़ियों के कंकाल मिले। सौ से अधिक छोटी-बड़ी गाड़ियां उपद्रवियों ने जला दी थीं या इस तरह तोड़ दी थीं कि वो किसी काम की नहीं बचीं।
कलेक्ट्रेट में डेली वेजेस और संविदा पर 8-10 हजार रुपए महीने वेतन पाकर काम कर रहे। इन गरीब कर्मचारियों की भीगी आंखें अपनी गाड़ियां ढूंढ रही थीं। कलेक्ट्रेट में किसी काम से यहां आए आम लोगों की गाड़ियों को भी फूंक दिया गया था। सरकारी नुकसान की तो सरकार भरपाई कर लेगी। लेकिन सामान्य लोगों के नुकसान का क्या होगा। सभी पूछ रहे थे, हमारा क्या कसूर, जो हमारी गाड़ियां जला दी गई। लेकिन जवाब किसी के पास नहीं था।
जिला कलेक्टर-एसपी ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारियों का प्रतिनिधि मंडल आज जिला के कलेक्टर दीपक सोनी और पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल से मिले। उन्होंने अपने वाहनों में हुए तोड़ फोड़ और आगजनी से हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति दिलाने की मांग को लेकर आवेदन दिया। कर्मचारियों ने बताया कि, हम लोगो में से कई डेली विजेस वाले या संविदा कर्मी है। हमारी गाड़ियां जलाई जाने से हमारे सामने कार्यालय आने-जाने की समस्या पैदा हो गई है। उन्होंने इस बारे में कलेक्टर से मिलकर उन्हें आवेदन सौपा।
आवेदनों का परीक्षण कर बीमा कंपनियों को भेजा जायेगा
इस घटना पर नवनियुक्त कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि, जिला प्रशासन द्वारा घटना में क्षतिग्रस्त हुए वाहन के स्वामियों को बीमा क्लेम दिलाने में सहयोग दिया जा रहा है। ताकि क्षतिग्रस्त वाहन स्वामियों को बीमा की राशि प्राप्त करने में आसानी हो। उन्होंने बताया कि, जनसुविधा केन्द्र में बीमा क्लेम के लिए प्राप्त होने वाले आवेदनों का परीक्षण कर संबंधित बीमा कंपनियों को भेजा जाएगा। जिससे क्षतिग्रस्त वाहनों के स्वामियों को बीमा राशि मिल सके।