रायपुर – बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं होने के विरोध में एनएसयूआई ने आज शुक्रवार को रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव किया। कार्यालय में गंगाजल से छिड़काव कर और नींबू-मिर्च से नजर उतारी। डीईओ के सद्बुद्धि की कामना की। डीईओ को चार सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
एनएसयूआई प्रभारी महामंत्री हेमंत पाल ने कहा कि इस मामले में रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी मौन हैं। प्राथमिक शिक्षा देने वाले गैर-मान्यता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है। ऐसे गैर मान्यता स्कूलों पर कोई करवाई नहीं की जा रही है । एनएसयूआई लगातार डीईओ से मिलकर बात कर रही है, लेकिन डीईओ सिर्फ रिमाइंडर दे रहे हैं। वो ऐसे स्कूलों को 18 जून तक बंद करें या मान्यता प्रदान करें।
एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि राजधानी में गली-मोहल्लों में केपीएस के अनेक गैर मान्यता स्कूल चल रहे हैं। एनएसयूआई लगातार इसकी सूचना कारवाई के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को देते रहा है पर उनकी ओर से कोई कारवाई नहीं की जा रही है। अगर स्कूल खुलने तक ऐसे गैर मान्यता स्कूलों को मान्यता नहीं मिला तो एनएसयूआई ऐसे स्कूलों पर तालाबंदी करेगी।
इन्होंने जताया विरोध
विरोध जताने वालों में एनएसयूआई के प्रदेश सचिव कुणाल दुबे, मोनू तिवारी, वाइस चेयरमैन पुनेश्वर लहरे, विधानसभा अध्यक्ष अनुज शुक्ला , जिला महासचिव गावेश साहू, विकाश पांडे, रजत ठाकुर, शुभम शर्मा, विधानसभा उपाध्यक्ष मनीष बांधे, अंकित बंजारे ,तनिष्क मिश्रा, हिमांशु तांडी, अभिनव बांधे आदि शामिल रहे।
इधर, BALLB की परीक्षा में बांटा गया गलत पेपर, एनएसयूआई ने किया हंगामा
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में 14 जून को बीएएएलबी कोर्स के चौथा सेमेस्टर का राजनीतिक विज्ञान भाग तीन की परीक्षा होनी थी, लेकिन प्रश्न पत्र नहीं छपने के कारण छात्रों को एक घंटे इंतजार करना पड़ा। इसके बाद भी जब छात्रों को प्रश्न पत्र नहीं मिला तब छात्रों ने विरोध जताया। उन्हें 1 जून को हुई राजनीतिक विज्ञान भाग 4 का प्राप्त प्रश्न पत्र थमा दिया गया, जिस पर छात्रों ने जमकर हंगामा किया।
एनएसयूआई के प्रदेश सचिव भक्तेश्वर वैष्णव के निर्देश पर NSUI जिला महासचिव खुशांत मांजरे , राघवेंद्र दिवार, प्रवीण ठाकुर, किशोर मांडले, अभिनय चंद्राकर और छात्र छात्राओं ने विश्वविद्यालय के कुलसचिव के पास पहुंचे। कुलसचिव ने संबंधित अधिकारी के ऊपर कार्यवाही करने एवं परीक्षा को रद्द कर आगामी स्थिति जारी करने का आश्वासन दिया गया।