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क्यों हारे भूपेश बघेल?, हारकर भी बने ‘बाजीगर’, छत्तीसगढ़ कांग्रेस में सिर फुटौवल

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रायपुर – लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 10 और कांग्रेस ने एक सीट पर सफलता हासिल की है। बीजेपी को पिछली बार की 9 लोकसभा सीटों को बचाने की चुनौती रही, जिसमें वो पूरी तरह से सफल रही। इस बार के चुनाव में वह एक सीट (बस्तर लोकसभा) और जीतने के साथ ही कुल 10  सीटें अपनी झोली में कर ली। वहीं कांग्रेस को इस चुनाव में खोने के लिए कुछ  ज्यादा नहीं था। वह दो सीटों से खिसक कर एक सीट पर आ गई। कोरबा सीट कांग्रेस के खाते में रही तो बस्तर लोकसभा सीट उसके हाथ से निकल गई। यहां से पूर्व मंत्री कवासी लखमा भाजपा प्रत्याशी महेश कश्यप से 55 हजार से ज्यादा वोटों से हार गए।

कुल मिलाकर बीजेपी संगठन की ताकत के बल पर लोकसभा चुनाव परिणाम को अपने पक्ष में करने में कामयाब रही। सबसे बड़ी बात ये रही कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजनांदगांव लोकसभा सीट से चुनाव हार गए। वहीं अन्य वीआईपी सीटों में ताम्रध्वज साहू महासमुंद लोकसभा सीट से, शिवकुमार डहरिया जांजगीर चांपा से, कवासी लखमा बस्तर से और सरोज पांडेय कोरबा से चुनाव हार गये। वहीं रायपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के बृजमोहन अग्रवाल ने 5 लाख से ज्यादा वोटों के रिकॉर्ड मत से कांग्रेस प्रत्याशी विकास उपाध्याय को हराकर नया इतिहास रच दिया।

राजनांदगांव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर  
बात भूपेश बघेल की करें तो मौजूदा सांसद संतोष पांडेय ने उन्हें 44 हजार 411 वोटों से उन्हें हरा दिया। संतोष पांडे को 7 लाख 12 हजार 57 वोट मिले जबकि बघेल को 6 लाख 67 हजार 646 वोट मिले। हालांकि छत्तीसगढ़ के दूसरे सीएम रमन सिंह के गढ़ राजनांदगांव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत जरूर बढ़ा है। चुनाव परिणाम में भूपेश बघेल भले ही हार गए हो , लेकिन राजनांदगांव सीट पर कांग्रेस का प्रदर्शन पहले से बहुत ही बेहतर रहा है। बघेल को इस सीट पर कुल मतदान का 46.18 प्रतिशत वोट मिला है, जो साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भोलाराम साहू को मिले वोटों से ज्यादा है।

कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ा 
साल 2019 के राजनांदगांव आम चुनाव की तुलना में इस बार के लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ा है। 2019 के लोकसभा चुनावों में संतोष पांडे को 6 लाख 62 हजार 387 वोट मिले थे। इस बार के चुनाव में उन्हें 7 लाख 12 हजार 57 वोट मिले हैं। वहीं पिछली बार के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी भोलाराम साहू को  5 लाख 50 हजार 421 वोट मिले थे। पांडे ने साहू को 1 लाख 11 हजार 966 वोटों से हराया था। वोट प्रतिशत 42.09 रहा। साल 2024 के चुनाव में राजनांदगाव सीट पर संतोष पांडे को कुल मतदान का 49.25 प्रतिशत वोट मिला, जो 2019 में मिले 50.65 प्रतिशत से कम है। वहीं इस बार के लोकसभा चुनाव में पूर्व सीएम भूपेश बघेल को 6 लाख 67 हजार 646 वोट मिले हैं। इस तरह देखा जाय तो राजनांदगांव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ा है। भूपेश बघेल चुनाव में भले ही पराजित हुए हैं , लेकिन राजनांदगांव सीट पर कांग्रेस का प्रदर्शन पहले से शानदार रहा है।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में सिर फुटौवल और भितरघात
लोकसभा चुनाव के समय से ही छत्तीसगढ़ कांग्रेस में सिर फुटौवल और भितरघात की स्थिति देखने को मिल रहा है।

भूपेश बघेल के राजनांदगाव में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता सुरेंद्र दास वैष्णव ने उन्हें खुले मंच पर खरी-खोटी सुनाई थी। उन्होंने कहा कि की जब आप पांच साल तक प्रदेश के सीएम रहे तो आप से मिलने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता था। आप से मिलने के लिए तरस गये। अब जब आप सत्ता से बाहर हो गये हैं तो आप से मिलना हुआ है।

इसके बाद पार्टी ने दास पर कार्रवाई करते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया था। वहीं पार्टी ने अन्य दो नेताओं ने भी सांसद राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को खत लिखकर शिकायत किये थे। कांग्रेस खेमे में आपसी खींचतान, भितरघात, मनमुटाव, मनभेद और मतभेद चुनाव में हार की वजह रहे। पार्टी पूरी एकजुटता के साथ चुनाव  नहीं लड़ पाई।