कोलकाता – पश्चिम बंगाल की बीरभूम संसदीय सीट से भाजपा उम्मीदवार देबाशीष धर का नामांकन चुनाव आयोग ने रद्द कर दिया है। धर ने अपने नामांकन के साथ अनापत्ति प्रमाण पत्र जमा नहीं किया था। वह पूर्व IPS अधिकारी रहे हैं। चुनाव आयोग सूत्रों ने कहा है कि अगर नौकरीशुदा कोई शख्स इस्तीफा देकर चुनाव लड़ता है तो उसे उस विभाग (जहां वह काम करता था) से नो ड्यूज और नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जमा करना होता है। धर ने अपने नामांकन के साथ यह कागजात नहीं जमा कराए थे, जिसकी वजह से आयोग ने उनका नामांकन रद्द कर दिया है।
भाजपा ने अब उनकी जगह देबतनु भट्टाचार्य को बीरभूम सीट से नया उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने नामांकन भी कर दिया है। देबाशीष धर ने हाल ही में आईपीएस अधिकारी के पद से इस्तीफा दिया था और राजनीति में एंट्री ली थी। इसके साथ ही धर ने अपने नामांकन को रद्द करने के फैसले को कलकत्ता हाई कोर्ट में चुनौती दी है। धर ने हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मामले में तुरंत सुनवाई की अपील की लेकिन चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम ने इससे इनकार कर दिया।
बीरभूम में चौथे चरण में 13 मई को मतदान होना है। वहां भाजपा का मुकाबला सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के मौजूदा सांसद शताब्दी रॉय से है। बता दें कि 2021 में बंगाल विधान सभा चुनावों के बाद ममता सरकार ने देवाशीष धर को निलंबित कर दिया था। उस वक्त धर कूच विहार के एसपी थे। वहां मतदान के दौरान हंगामा हुआ था, जिसमें सुरक्षा बलों ने गोलियां चलाई थीं। उस गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई थी।
अभी हाल ही में ममता बनर्जी ने एक चुनावी सभा में सार्वजनिक तौर पर देवाशीष धर को निशाने पर लिया था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पद से इस्तीफा देने के बावजूद धर को रिलीज ऑर्डर नहीं दिया गया है। वह अभी भी अनिवार्य प्रतीक्षा सूची में हैं। उन पर 2021 की गोलीबारी कांड में विभागीय कार्यवाही भी चल रही है।