रायपुर – छत्तीसगढ़ की पहली राजनैतिक हत्या के मामले में हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है। हाईकोर्ट ने 27 आरोपियों को उम्र कैद की सजा के फैसले को सही ठहराया है। इन 27 के अलावा एक अन्य आरोपी बुलठू पाठक की मौत भी हो चुकी है। 21 वर्ष पहले 4 जून 2003 को एनसीपी के कोषाध्यक्ष रामअवतार जग्गी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड को लेकर सियासी बवाल मचा था। घटना के बाद उनके बेटे सतीश जग्गी ने मौदहापारा थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। इस सियासी हत्याकांड ने राजनीति की दशा और दिशा बदल दी थी। कोर्ट ने अपील खारिज करते हुए सभी 28 (एक की मौत हो चुकी है) आरोपियों की उम्र कैद की सजा बरकरार रखा है।
बहुचर्चित जग्गी हत्याकांड के आरोपितों को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए आत्म समर्पण के लिए तीन सप्ताह का अतिरिक्त समय दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट की एसवीएन भाटी की बेंच ने यह आदेश पारित किया है। गौरतलब है कि आज आरोपियों को जिला एवं सत्र न्यायलय में सरेंडर करना था। उधर शूटर चिमन सिंह समेत विनोद सिंह राठौर ने विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटीज में आत्मसमर्पण किया है।
13 आरोपी इन्हें मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट ने आरसी त्रिवेदी, वीके पांडे और अमरीक सिंह गिल, सूर्यकांत तिवारी समेत याह्या ढेबर को यह राहत दी है। जबकि शेष अन्य आरोपियों को जल्द ही कोर्ट में सरेंडर करना होगा। चार जून, 2003 को छत्तीसगढ़ का पहला राजनीतिक जग्गी हत्याकांड जितना चर्चित रहा है, उतना ही चर्चित उसका फैसला भी आया है। इस मामले में 31 आरोपी बनाए गए थे। दो आरोपी सरकारी गवाह बन गए। 29 आरोपियों पर केस चला। इस मामले के मुख्य आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को छोड़कर शेष 27 आरोपियों को सजा हुई थी। इनमें तीन पुलिस अधिकारी भी शामिल थे। अब इस मामले का अंतिम निर्णय आ गया है।
कौन थे रामावतार जग्गी
कारोबारी परिवार के रामावतार जग्गी देश के बड़े नेताओं में शुमार पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल के बेहद करीबी थे। शुक्ल जब कांग्रेस छोड़कर एनसीपी में शामिल हुए तो जग्गी भी उनके साथ-साथ गए। विद्याचरण ने जग्गी को छत्तीसगढ़ में एनसीपी का कोषाध्यक्ष बना दिया गया था। जग्गी हत्याकांड का मुख्य आरोपी याहया ढेबर रायपुर के ढेबर बंधुओं में से एक है। पांच भाइयों में एजाज ढेबर रायपुर के मौजूदा महापौर हैं, एजाज ढेबर उस समय अजित जोगी के खास बताये जाते थे। वहीं एक भाई अनवर ढेबर शराब कारोबारी है। छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला केस में ईडी ने उसे छह मई, 2023 को गिरफ्तार किया था। हालांकि बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
इन दोषियों की अपील पर फैसला
जग्गी हत्याकांड में दोषी अभय गोयल, याहया ढेबर, वीके पांडे, फिरोज सिद्दीकी, राकेश चंद्र त्रिवेदी, अवनीश सिंह लल्लन, सूर्यकांत तिवारी, अमरीक सिंह गिल, चिमन सिंह, सुनील गुप्ता, राजू भदौरिया, अनिल पचौरी, रविंद्र सिंह, रवि सिंह, लल्ला भदौरिया, धर्मेंद्र, सत्येंद्र सिंह, शिवेंद्र सिंह परिहार, विनोद सिंह राठौर, संजय सिंह कुशवाहा, राकेश कुमार शर्मा, (मृत), विक्रम शर्मा, जबवंत, विश्वनाथ राजभर की ओर से अपील की गई थी। जिसमें कोर्ट ने अपना फैसला दिया है।