श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिवस मे भक्तों का जनसैलाब
गरियाबंद – गरियाबंद जिले मैनपुर विकास खंड के ग्राम तेतलखूंटी मे समस्त ग्रामवासी द्वारा भव्य श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया है जिसमें छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कथावाचक पं युवराज पांडेय जी के मुखारविंद से समस्त ग्रामवासी श्रद्धालु को कथा सुनने का अवसर प्राप्त हो रहा है ।
आज कथा के पंचम दिवस पर पं युवराज पांडेय जी ने बताया की स्वयं को साध लेना ही जीव की असली साधना है जीव स्वयं को साध कर ही भक्ति के मार्ग पर अग्रसर होते हुये ईश्वर को प्राप्त कर सकता है आज की कथा में भक्त प्रहलाद नरसिंह अवतार, गंगा अवतरण सम्पूर्ण रघुकुल की कथा राजा हरिश्चंद्र की कथा एवं श्री राम जी के अवतरण एवं सम्पूर्ण लीला एवं साकेत धाम गमन की कथा और भगवान श्री कृष्ण की अवतरण की कथा हुई जिसमें आचार्य जी ने कहा कि देवकी वसुदेव ने भगवान के अवतरण से पुर्व अनेक कष्ट कंस के कारागार में सहे आकाशवाणी होने कारण जिसमें देवकी के आठवें संतान से कंस के वध का कारण देवकी और वसुदेव को कारागार में अनेक यातनाओं का सामना करना पड़ा तत्पश्चात कंस के द्वारा देवकी के 6 पुत्रों को कंस के द्वारा शीला में पटक कर बाल हत्या कर दिया गया सातवें गर्भ में भगवान के आदेश से बलराम जी देवकी के गर्भ से योग माया के प्रभाव से रोहिणी के गर्भ में स्थित किया गया जिस भगवान के बड़े भाई का नाम संकर्षण भी पड़ा तत्पश्चात् भगवान भगवान् के आज्ञा अनुसार भगवती योग माया ने जन्म लिया ।
इधर कंस के बढ़ते अत्याचार से पृथ्वी तक के कांप गई तब सभी देवताओं के स्तुति अनुरोध पर भगवान नारायण ने भुभार को हरने और कंस के अत्याचार से मुक्ति हेतु सभी देवताओं को कहा और भाद्र मास के कृष्ण पक्ष के अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र मध्य रात्रि को भगवान का अवतरण हुआ तब देवताओं ने स्तुति किये और वसुदेव जी ने भगवान को यमुना नदी पार कर के जब गोकुल आए तब भगवान कृष्ण को गोकुल में नंद बाबा के यहां छोड़कर योग माया के स्वरूप में जन्म ली हुई कन्या को लेकर के वापस मथुरा के कारागार में लाये वहां कंस ने आठवीं संतान को मारने के लिए जैसे ही शीला पर पटकने की कोशिश की तब वह कन्या अष्टभुजा धारण करके कंस से कहा हे मूर्ख कंस तू मुझे क्या मारेगा तेरे मारने वाला तो कब का जन्म ले चुका है ।
इस प्रकार से भगवती योग माया वहां से अंतर ध्यान हो गई तब भगवान के आज्ञा अनुसार विंध्याचल पर्वत में जाकर के विंध्यवासिनी के नाम से प्रसिद्ध हुई और भगवती को अनेक नामों से श्रद्धालु अर्चना करने लगे सभी देवतागण माता की वंदना करने लगे नवरात्रि के अवसर पर यह कथा सुनने पर मां भगवती का कृपा सभी पर बना रहता है। आज की कथा में कृष्ण जन्मोत्सव की झांकी भव्यता से रही जिसमें आज जन्मोत्सव की कथा में उड़िया भजन के द्वारा आचार्य जी के भजनों ने भक्तजनों को मंत्र मुग्ध कर दिया आज की कथा में भक्तों जन सैलाब देखने को मिला सभी श्रद्धालु ओड़िया भजनों पर झुम उठे आज की कथा में समस्त ग्रामवासी एवं आसपास क्षेत्र के श्रद्धालुओं उपस्थित हुए एवं इस आयोजन के यजमान श्री तपेश्वर ठाकुर एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती नंद कुमारी ठाकुर जी है यह धर्म यज्ञ समस्त ग्राम वासी तेतलखुंटी द्वारा आयोजित किया गया है जिसमें नित्य भक्तों के लिए भंडारा का भी व्यवस्था किया गया है।