पप्पू यादव ने कहा कि लालू यादव अगर हमें अपना बच्चा समझते हैं तो अपना फैसला बदल लेंगे. मेरा घर पूर्णिया और मधेपुरा है. मेरे पीछे यादव लगा है, मैं लालू जी से पूछना चाहता हूं कि क्या मेरा वो खून नहीं जो उनका है, क्या वो मुझे अपना खून नहीं मानते.
पटना – पूर्णिया सीट को छोड़ना पप्पू यादव ने अपने लिए आत्महत्या की तरह बताया है. बातचीत में गुरुवार को पप्पू यादव ने कहा कि पूर्णिया सीट को छोड़ना उनके लिए आत्महत्या के बराबर है. पूर्णिया सीट के लोग मेरे परिवार की तरह है. ये बिहार का सीमांचल इलाका है जिस पर पूरी दुनिया की नजर है. मैं चार बार यहां से चुनाव लड़ा. मैंने कभी पूर्णिया को अपने दिल से अलग नहीं किया.
बिहार की पूर्णिया सीट को लेकर इंडिया गठबंधन में मची रार थमने का नाम नहीं ले रही है. आरजेडी की ओर से बीमा भारती को इस सीट से टिकट दिया जा चुका है. वहीं पप्पू यादव भी लगातार यहां से चुनाव लड़ने की बात पर अड़े हैं. हालांकि वह लगातार लालू यादव से आग्रह कर रहे हैं कि वह एक बार फिर से विचार करें और इंडिया गठबंधन को कमजोर न बनाएं, क्योंकि मुकाबला भाजपा से है.पप्पू यादव ने कहा कि मुझे न तो कभी किसी ने जाति के आधार पर एमएलए बनाया और न ही एमपी. मेरा पूर्णिया के साथ वही रिश्ता है भगवान और भक्त के बीच होता है,
लालू यादव ने कहा था मधेपुरा से लडूं, लेकिन में पूर्णिया नहीं छोड़ूंगा
पप्पू यादव ने बताया कि वह कुछ दिन पहले लालू यादव से भी मिले थे, मैंने उनसे कहा था कि मैं तो हमेशा आपके साथ खड़ा रहा. हर संकट में आपका साथ दिया. अब तेजस्वी के साथ भी बड़े भाई की तरह खड़ा रहूंगा. उन्होंने यह माना भी था और मुझसे कहा था कि मधेपुरा से लड़ लीजिए. मेरी पार्टी में आ जाइए. तब मैंने कहा था कि पूर्णिया छोड़ना आत्महत्या जैसा है. आज भी मैं उसी बात पर कायम हूं.
पूर्णिया मेरी जिद, मेरा इमोशन
पप्पू यादव ने पूर्णिया सीट को अपनी जिद और अपना इमोशन भी बताया. उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस के आने का फैसला राहुल गांधी के स्नेह और प्रियंका के विश्वास पर लिया था. अब मैं जिद कर सकता हूं कि पूर्णिया मुझे दे दो, नहीं देंगे तो देखा जाएगा. हमारा प्रयास कांग्रेस को नंबर-1 बनाना है और हम उसे पूरा करेंगे.
लालू जी बच्चा समझते हैं तो फैसला बदलेंगे
पप्पू यादव ने कहा कि लालू यादव अगर हमें अपना बच्चा समझते हैं तो अपना फैसला बदल लेंगे. मेरा घर पूर्णिया और मधेपुरा है. मेरे पीछे यादव लगा है, मैं लालू जी से पूछना चाहता हूं कि क्या मेरा वो खून नहीं जो उनका है, क्या वो मुझे अपना खून नहीं मानते. जब मैं सभी तरह से उनके साथ हूं तो क्या वह नहीं मानेंगे. मैं आपका खून हूं, मुझे दुत्कारिए नहीं, मुझे आशीर्वाद दीजिए. उन्होंने अंतिम फैसला कांग्रेस लीडरशिप पर छोड़ा. उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस कहेगी वही करूंगा. हम जिस तरह से इंडिया गठबंधन को एकजुट कर रहे थे, उसे एक छोटी सीट के लिए खत्म क्यों कर रहे हैं.