सूर्य जब गुरु की राशि धनु और मीन में गोचर करते हैं तो खरमास लगता है यानी ग्रहों के राजा सूर्य का तेज कम हो जाता है। अब 14 मार्च को सूर्य नारायण मीन राशि में प्रवेश करेंगे और इस दिन से खरमास लग जाएगा। आइये जानते हैं खरमास का महत्व और कौन से काम बंद हो जाएंगे। साथ ही खरमास में सूर्य पूजा मंत्र क्या हैं..
जानिए क्या है खरमास
खरमास दो शब्दों से मिलकर बना है खर और मास, इसमें खर का अर्थ गर्दभ और कड़ा होता है, जबकि मास का अर्थ महीना। इस तरह इसके दो अर्थ निकलते हैं एक तपस्या और जीवन में कठिनाई का सामना करने वाला महीना या गर्दभ का मास। इससे जुड़ी कथा के अनुसार इस महीने में सूर्य नारायण अपने अश्वों को आराम करने के लिए छोड़ देते हैं, जबकि संसार में ऊर्जा का संचालन सामान्य रखने के लिए खर की सवारी करते हैं, जिससे उनकी गति धीमी हो जाती है। मान्यता है इसी कारण इस महीने को खरमास कहते हैं।
खरमास में न करें ये काम
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार खरमास को शुभ काम के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। लेकिन इस समय जप तप करना चाहिए और सूर्य नारायण भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। आइये जानते हैं खरमास में क्या न करें..
2. खरमास में नई संपत्ति, नया वाहन खरीदने, नया कारोबार शुरू करने से बचना चाहिए।
3. खरमास में तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।
4. खरमास में सूर्य देव की पूजा इन सूर्य देव के मंत्रों के जाप से करनी चाहिए।
सूर्य पूजा मंत्र
1. ॐ सूर्याय नम:
2. ॐ घृणि सूर्याय नम:
3. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
4. ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
5. ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ