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बीजेपी में शामिल होने के बाद कांग्रेस विधायक चिंतामणी महाराज बोले- ‘घर वापसी की है’

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छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है. विधायक चिंतामणि महाराज ने कांग्रेस का दामन छोड़ कर एक बार फिर से बीजेपी का दामन थाम लिया है.

बलरामपुर  – छत्तीसगढ़ के बलरामपुर  जिले के सामरी विधानसभा सीट से कांग्रेस  विधायक चिंतामणि महाराज  टिकट कटने के बाद से नाराज चल रहे थे और उनकी नाराजगी ने आज बड़े राजनीतिक घटनाक्रम को अंजाम दिया है. आज विधायक चिंतामणी महाराज ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी (BJP)ज्वाइन कर लिया है. अम्बिकापुर शहर के राजमोहिनी भवन में बीजेपी प्रदेश प्रभारी ओम माथुर  ने चिंतामणी महाराज को बेजपी को सदस्यता दिलाई. चिंतामणी महाराज के इस कदम से कांग्रेस को खासा नुकसान तो हुआ है. वहीं बीजेपी ज्वाइन करने के बाद विधायक चिंतामणी महाराज ने कहा कि उन्होंने बीजेपी ज्वाइन नहीं किया है, बल्कि घर वापसी की है. गौरतलब हैं कि चिंतामणि महाराज पहले बीजेपी में ही थे, बाद में कांग्रेस ज्वाइन कर लिया था.

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव का समय नजदीक है. दो प्रमुख राजनीतिक दल बीजेपी और कांग्रेस ने प्रदेश की सभी 90 सीटों के लिए अपने-अपने प्रत्याशियों की आधिकारिक घोषणा कर दी है. इस विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टी ने कई सीटों पर बदलाव किया है. कई सिटिंग विधायकों के टिकट काट दिए है, और कांग्रेस की इसी कार्रवाई का शिकार सामरी से विधायक चिंतामणि महाराज हुए. कांग्रेस ने उनका टिकट काट दिया और सामरी से विजय पैकरा को मौका दिया है. इधर टिकट कटने से नाराज सीटिंग विधायक चिंतामणि महाराज बागी हो गए और कांग्रेस आलाकमान के फैसले पर नाराजगी जाहिर की. इस बीच बीजेपी ने उन्हें वापस पार्टी में लाने की जद्दोजहद की और सफल भी हुए.

बीजेपी से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे चिंतामणी महाराज

दरअसल, जब चिंतामणी महाराज का कांग्रेस से टिकट कटा तो वे बगावती तेवर में नजर आए. इसे देखते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय सहित कई बड़े नेता उनके गांव एक धार्मिक अनुष्ठान में शामिल होने गए और चिंतामणी महाराज को बीजेपी में शामिल होने की पेशकश की. जिसपर चिंतामणी महाराज ने बीजेपी नेताओं से कहा कि उन्हें अंबिकापुर से विधानसभा चुनाव लड़ाया जाए. हालांकि, उन्हें बीजेपी ने अम्बिकापुर से टिकट नहीं दिया है बल्कि बीजेपी से लोकसभा चुनाव लड़ाने की बात कही.

बीजेपी का दामन थाम की घर वापसी 

इधर लगातार बीजेपी नेताओं के संपर्क में रहने की वजह से चिंतामणि महाराज की बीजेपी में वापसी की अटकलें तेज हो गई, जिस पर आज मुहर भी लग गई है. सामरी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक चिंतामणि महाराज ने बीजेपी का दामन थाम लिया. अम्बिकापुर के राजमोहनी भवन में आयोजित परिवर्तन महासंकल्प रैली में छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रभारी ओम माथुर, संगठन मंत्री पवन साय सहित बीजेपी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहें. इस परिवर्तन महासंकल्प रैली में कांग्रेस पार्टी से नाराज चिंतामणि महाराज ने संत गहिरा गुरु के अनुयायियों की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थाम कर घर वापसी की.

टिकट नहीं मिलो तो कांग्रेस का दामन छोड़ा 

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रभारी ओम माथुर ने कहा कि कांग्रेस को 75 साल बाद कौन याद आया जनेव याद आई, मंदिर याद आई, काशीविश्वनाथ याद आया, तिरूपति बालाजी याद आए. इससे अच्छी सनातनी धर्म के लिए और क्या बात हो सकती हैं. कांग्रेस का नारा 75 पार को लेकर कहा कि वे 100 पार कर लें और कांग्रेस की तो 100 पार भी हो गई हैं. वहीं सामरी से कांग्रेस विधायक चिंतामणी महाराज ने कहा कि मैंने बीजेपी ज्वाइन नहीं किया है, बल्कि घर वापसी की है. जिस तरह से कांग्रेस पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो मैं अपने आप को पार्टी से निष्कासित मान लिया था. जहां पार्टी में स्थान नहीं तो वहां रहने का भी कोई औचित्य नहीं बनता हैं.

गौरतलब है कि 2013 में चिंतामणी महाराज बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे. जिसके बाद कांग्रेस ने सरगुजा जिले के लुण्ड्रा विधानसभा से प्रत्याशी बनाया था. वहीं कांग्रेस ने फिर से भरोसा जताते हुए जगह बदलकर 2018 में बलरामपुर जिले के सामरी विधानसभा से प्रत्याशी बनाया था. चिंतामणी महाराज दोनों बार कांग्रेस से विधायक रहे. 2023 विधानसभा चुनाव में चिंतामणी को टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे थे. यही वजह रही कि अब बीजेपी का दामन थाम लिया है.