ऋतु बनावत ने इसे अपना चरित्र हनन करार दिया है। कहा है कि फेक वीडियो के जरिए उनकी राजनीतिक और सामाजिक छवि को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें एक महिला की न्यूड फोटोज पर डीपफेक की मदद से बनावत की तस्वीर लगा दी गई है।
हाल ही में राजस्थान कॉन्ग्रेस के पूर्व विधायक मेवाराम जैन का अश्लील वीडियो वायरल हुआ था। अब राज्य की एक महिला विधायक का अश्लील क्लिप वायरल हो रहा है। यह विधायक हैं ऋतु बनावत। उन्होंने खुद को डीपफेक का शिकार बताते हुए वीडियो वायरल करने वालों पर कार्रवाई की माँग की है।
बयाना की निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत ने इसको लेकर भरतपुर के एसपी से शिकायत की है। उन्होंने इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को भी पत्र लिखा है। रिपोर्ट के अनुसार बनावत का फेक वीडियो करीब 5 दिनों से सोशल मीडिया में चल रहा है। यह संज्ञान में आने के बाद उन्होंने पुलिस में मामला दर्ज कराया है।
ऋतु बनावत ने इसे अपना चरित्र हनन करार दिया है। कहा है कि फेक वीडियो के जरिए उनकी राजनीतिक और सामाजिक छवि को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें एक महिला की न्यूड फोटोज पर डीपफेक की मदद से बनावत की तस्वीर लगा दी गई है।
बनावत ने कहा है कि जब डीपफेक की मदद से उन जैसी महिला के साथ इस तरह की गंदी हरकत की जा रही है तो सामान्य महिलाओं की स्थिति को लेकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। गौरतलब है कि बनावत हालिया विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज कर पहली बार विधानसभा पहुँची हैं। 2018 में वह चुनाव हार गईं थी। इस बार बीजेपी ने उनको टिकट नहीं दिया था। इसके बाद वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरीं। उन्होंने कॉन्ग्रेस के अमर सिंह जाटव को 40 हजार से अधिक वोटों से हराया था। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने बीजेपी सरकार को समर्थन देने का ऐलान किया था। शपथ लेने के लिए वे खुद ट्रैक्टर चलाकर विधानसभा पहुंची थी। इसके कारण भी वह पिछले दिनों सुर्खिंयों में थीं।
उल्लेखनीय है कि डीपफेक की मदद से फेक वीडियो वायरल करने का यह पहला मामला नहीं है। सचिन तेंदुलकर भी पिछले दिनों इसके शिकार हुए थे। अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए सचिन ने कहा था, “टेक्नोलॉजी का इस प्रकार का दुरुपयोग बिल्कुल गलत है। आप सब से विनती है कि ऐसे वीडियो या एप या विज्ञापन आपको अगर नजर आए तो उन्हें तुरंत रिपोर्ट करें।”
इसके बाद केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ऐसे मामलों को कठोरता से निपटने के लिए जल्द कानून लाने की बात कही थी। उन्होंने कहा था, “AI द्वारा संचालित DeepFakes और गलत सूचनाएँ भारतीय उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और विश्वास के लिए खतरा हैं। ये नुकसान पहुँचाती हैं और कानून का उल्लंघन करती हैं। इन्हें प्लेटफॉर्म को रोकना और हटाना ही होगा।”