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छत्तीसगढ़ में मूल पदस्थापना स्कूलों में लौटेंगे शिक्षक, नई शाला प्रबंधन समिति बनाने का हुआ ऐलान

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रायपुर – छत्तीसगढ़ की स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए सरकार ने एक बार फिर महत्वपूर्ण फैसला लिया है. प्रदेश में मूल स्थापना में पदस्थ शिक्षकों की अब वापसी होगी. ये शिक्षक मूल काम को छोड़ अन्य कार्यालयों और संस्थाओं अटैच होकर सेवाएं दे रहे हैं. सरकार के इस निर्णय के बाद बड़ी संख्या में शिक्षकों की वापसी होगी और स्कूलों में शिक्षकों की कमीं भी काफी हद तक दूर होगी. इतना ही नहीं स्कूलों के लिए नई शाला प्रबंधन समिति भी गठित किया जाएगा. इसके लिए शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अफसरों को निर्देश दे दिए हैं.

दरअसल छत्तीसगढ़ में स्कूलों में पदस्थ शिक्षक अपना मूल काम छोड़कर अन्य विभागों में अटैच होकर सेवाएं दे रहे हैं. ऐसे में शिक्षक होते हुए भी स्कूलों में कमीं बनी हुई है. इसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ता है और पढ़ाई भी काफी प्रभावित होती है. इसकी शिकायतें भी काफी समय से की जा रही थी. लेकिन इसके लिए सरकार गंभीर नहीं थी. ऐसे में इस बार स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने फैसला लेते हुए स्कूल शिक्षा सचिव को इसके लिए आदेश भीं जारी कर दिया है. इस आदेश के बाद अब प्रदेश में हड़कंप मच गया है.

छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षक संवर्ग के कर्मचारी गैर शिक्षकीय कार्य हेतु विभिन्न कार्यालयों एवं संस्थाओं में संलग्न किया गया है . ऐसे शिक्षक अपने मूल पदस्थापना शाला में अध्यापन कार्य के लिए शीघ्र ही कार्यमुक्त होंगे. इसके लिए स्कूल शिक्षा सचिव को त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिया गया है. उनसे कहा गया है कि इसके लिए संभागायुक्त और जिले के कलेक्टरों को निर्देशित करना सुनिश्चित करें.
स्कूलों में बनेगी नई शाला प्रबंध समिति

प्रदेश की स्कूलों के नई शाला प्रबंधन समितियां भी बनेंगी. पूर्व के सरकार में बनी शाला प्रबंधन समिति को पिछले महीने भंग किया गया था. इसके बाद अब फिर से नई समिति बनाने का फैसला BJP की सरकार ने लिया है. स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने स्कूल शिक्षा सचिव को स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत नवीन शाला प्रबंध समिति एवं विकास समिति गठन की कार्रवाई सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं. शिक्षा मंत्री ने इस संबंध में स्कूल शिक्षा सचिव जिला-कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि जिलों के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद नवीन शाला प्रबंध और विकास समिति का गठन किया जाए. उन्होंने कहा है कि शाला प्रबंध और विकास समिति अपने बैठक में विद्यालय हित में निर्णय पारित कर राशि व्यय करने में सक्षम होगा. इसके लिए उच्च कार्यालय से अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी.