रायपुर – तीर्थयात्रा योजना के अंतर्गत प्रदेश सरकार ने इस साल रामलला तीर्थयात्रा योजना (Shri Ramlala Darshan Yojana) को बजट में शामिल किया है। इसके लिए लगभग 35 करोड़ रुपये का प्रविधान है। एक अनुमान के अनुसार प्रदेशभर से हर साल लगभग 20 हजार श्रद्धालुओं को अयोध्या दर्शन के लिए ले जाया जाएगा। इस योजना से युवा, बुजुर्ग, महिलाओं में खुशी का माहौल है। हर किसी के मन में अयोध्या जाने की चाहत है। सरकारी योजना के माध्यम से जाने पर आने-जाने का खर्च, भोजन, ठहरने, भ्रमण करने की निश्शुल्क व्यवस्था की जाएगी।
पहली ट्रेन सात को हुई थी रवाना
अयोध्या दर्शन के लिए दुर्ग से पहली ट्रेन सात फरवरी को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रवाना हुई थी। अब अगले एक साल तक समय-समय पर श्रद्धालु सरकारी योजना के अंतर्गत अयोध्या यात्रा पर निश्शुल्क जा सकेंगे। इस योजना को छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के तहत चलाया जाएगा।
यात्रा में जाने के लिए 18 से 75 वर्ष के महिला, पुरुषों को छत्तीसगढ़ का मूल निवासी और स्वस्थ होना जरूरी है। दिव्यांग अपने साथ एक स्वजन को ले जा सकेंगे। योजना के पहले चरण में 55 वर्ष से ऊपर के यात्रियों को ले जाया जाएगा। इसके बाद अन्य लोगों को सुविधा मिलेगी।
प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में श्री रामलला दर्शन समिति बनेगी और योग्य यात्रियों का चयन किया जाएगा। यात्रा के दौरान यात्रियों को सुरक्षा, स्वास्थ्य, भोजन, स्थलों के दर्शन का लाभ मिलेगा। दुर्ग-रायपुर, रायगढ़ एवं अंबिकापुर से अयोध्या तक ट्रेन जाएगी।
75 प्रतिशत ग्रामीण, 25 प्रतिशत शहरी यात्री
रामलला दर्शन योजना के अंतर्गत शहरी इलाकों के 25 प्रतिशत और ग्रामीण इलाकों से 75 प्रतिशत दर्शनार्थियों का चयन किया जाएगा। एक यात्री एक ही बार दर्शन योजना का लाभ निश्शुल्क ले पाएगा। वर्तमान में कोई भी शासकीय सेवक योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।
राम वनगमन पथ का सोशल आडिट कराएगी सरकार
विधानसभा बजट सत्र के पांचवें दिन सदन में श्रीराम वन गमन पर्यटन परिपथ का मामला गूंजा। बहस के बाद संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने श्रीराम वन गमन परिपथ का सोशल आडिट कराने की घोषणा की। प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायकों ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के प्रोजेक्ट पर सवाल उठाए।
सदन में चर्चा के दौरान भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि श्रीराम वन गमन पथ में योजना के तहत बनाई गईं मूर्तियां राम जैसी नहीं दिखती। जिन स्थानों पर मूर्तियां लगी हैं,वहां कीमत भी अलग-अलग बताई जा रही है। योजना में निर्माण एजेंसियों ने लापरवाही से काम किया है।
चंपारण को भी पर्यटन परिपथ में शामिल किया गया है, जो कि हेमु यदु की किताब व रामअवतार शर्मा की किताब में भी नहीं है। पिछली सरकार ने बिना शोध किए संस्कृति के साथ छेड़छाड़ की है। श्रीराम वनगमन पथ पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर, धरमलाल कौशिक और विधायक राजेश मूणत ने अलग-अलग सवाल किए।