केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में पंजाब सरकार के साथ जो पत्राचार किया था, उसमें कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति का हवाला दिया गया था। जिस तरह से किसान इतनी भारी संख्या में और विभिन्न उपकरणों के साथ शंभू बॉर्डर पर एकत्रित हुए हैं, वह इस बात की तरफ इशारा करता है कि किसानों को रोकने का प्रयास नहीं किया गया…
हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर तक पहुंचे किसानों को लेकर दो प्रदेशों की पुलिस आमने-सामने है। इंटेलिजेंस रिपोर्ट में जो इनपुट दिए गए हैं, उनके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय भी सक्रिय है। रिपोर्ट के मुताबिक, शंभू बॉर्डर पर एकत्रित हुए किसानों के पास ऐसे तमाम संसाधन मौजूद हैं, जिनकी मदद से पुलिस का मुकाबला किया जा सकता है। ये संसाधन पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों से बॉर्डर तक कैसे पहुंचे। किसानों ने एकाएक ये आंदोलन शुरू नहीं किया है। इसके लिए पहले से ही कॉल की गई थी, उसके बावजूद किसानों को शंभू बॉर्डर तक पहुंचने से क्यों नहीं रोका गया। 20 फरवरी को जेसीबी और दूसरे भारी उपकरण भी किसानों के बीच पहुंच चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि जब ये रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय तक पहुंची हैं, तो पंजाब पुलिस इनसे कैसी अछूती रही। शंभू बॉर्डर पर किसानों का एकत्रित होना, इस मामले में पंजाब पुलिस के कई अफसर, केंद्रीय गृह मंत्रालय के रडार पर आ गए हैं।
सूत्रों ने बताया, जब किसानों ने कई दिन पहले ही आंदोलन की कॉल दे रखी थी, तो पंजाब पुलिस ने इतनी भारी संख्या में ट्रैक्टर ट्रॉली एवं दूसरे वाहनों के साथ किसानों को बॉर्डर पर एकत्रित होने से रोका नहीं। मंगलवार को किसानों के बीच जेसीबी एवं पोकलेन मशीनें भी पहुंच गईं। हालांकि पंजाब पुलिस की तरफ से यह दावा किया गया था कि किसानों को जेसीबी और पोकलेन मशीनें, शंभू बॉर्डर पर ले जाने से रोकने का प्रयास किया गया था। रात को किसानों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई थी। इसमें एसएचओ अमनपाल सिंह विर्क और मोहाली के एसपी जगविंदर सिंह के घायल होने की बात कही गई। मंगलवार को शंभू बॉर्डर के जो वीडियो सामने आए थे, उनमें आसानी से जेसीबी और पोकलेन मशीनें, किसानों के बीच पहुंचाई जा रही थीं। पंजाब के विभिन्न इलाकों से जब इन मशीनों को बॉर्डर तक लाया जा रहा था, तब पंजाब पुलिस ने इन्हें रोका क्यों नहीं। किसान आंदोलन पर पंजाब पुलिस की इंटेलिजेंस इकाई भी हर पल अपनी रिपोर्ट दे रही थी। इसके बावजूद किसानों को हैवी मशीनरी सहित शंभू बॉर्डर तक पहुंचने दिया गया। सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में इंटेलिजेंस ब्यूरो और हरियाणा पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर पंजाब पुलिस के जिम्मेदार अफसर, मुश्किल में फंस सकते हैं।