Home देश हेमंत सोरेन के तेवरों पर फिदा हुई उद्धव सेना, कहा- कुछ लोग...

हेमंत सोरेन के तेवरों पर फिदा हुई उद्धव सेना, कहा- कुछ लोग हेमंत सोरेन भी होते हैं, जिन्होंने क्रांतिकारी…

22
0

मुंबई – जमीन घोटाले के मामले में ईडी की गिरफ्त में आए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन फ्लोर टेस्ट के दौरान सोमवार को विधानसभा पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि मैं आदिवासी हूं और मेरी रीढ़ की हड्डी मजबूत है। इसलिए कुछ लोग मुझे निगल लेना चाहते हैं, लेकिन वे ध्यान रखें कि मैं आंतें फाड़ दूंगा। इस तरह हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी के बाद भी अपने तेवर नरम नहीं किए हैं। अब उनके इस रुख की उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने भी जमकर तारीफ की है।

सामना के संपादकीय में लिखा गया, ‘हर कोई अजित पवार, नीतीश कुमार या फिर एकनाथ शिंदे नहीं होता है। कुछ लोग हेमंत सोरेन भी होते हैं, जिन्होंने क्रांतिकारी की तरह जेल की राह पकड़ ली।’ हेमंत सोरेन के अलावा संपादकीय में अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी की भी तारीफ की गई है। शिवसेना ने लिखा है कि अरविंद केजरीवाल झुकने को तैयार नहीं हैं, जबकि ममता बनर्जी शेरनी की तरह जंग में हैं। वह भाजपा से लड़ने में माहिर हैं। इस तरह विपक्ष के इन तीन नेताओं की सामना में जमकर तारीफ की गई है।

शिवसेना ने लिखा कि हेमंत सोरेन ने विधानसभा के अपने भाषण में बता दिया कि वह रुकेंगे नहीं। बता दें कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेस भी बोली है और उन पर ऐक्शन को आदिवासियों के साथ उत्पीड़न से जोड़ा गया है। बता दें कि हेमंत सोरेन ने विधानसभा में कहा था कि इन लोगों को तो यही परेशानी सबसे ज्यादा है कि आखिर एक आदिवासी बीएमडब्ल्यू कार से क्यों चलता है। गौरतलब है कि हेमंत सोरेन को ईडी के ऐक्शन के चलते पद से इस्तीफा भी देना पड़ा है। अब चंपाई सोरेन की ही पार्टी जेएमएम से मुख्यमंत्री हैं।

खुद पर लग रहे कयासों पर भी उद्धव ठाकरे की टिप्पणी

नीतीश कुमार और एकनाथ शिंदे पर निशाना साधकर उद्धव ठाकरे की पार्टी ने साफ कर दिया है कि फिलहाल उनका मन नहीं बदला है। दरअसल पिछले दिनों एक आयोजन में उद्धव ठाकरे ने कहा था कि हम मोदीजी, आपके दुश्मन नहीं हैं। हमने तो 2019 में आपके लिए कैंपेन किया था और वोट भी मांगे थे। हमारा भगवा से कोई मतभेद नहीं है। उनके इस बयान के बाद कयास थे कि उद्धव का भी मन बदल रहा है। हालांकि अखबार के इस संपादकीय से फिलहाल ऐसा ही लग रहा है कि शिवसेना अब पालाबदल नहीं करने जा रही।