प्रदेश प्रतिनिधियों ने वनमंत्री, मंत्रियों, वनबल प्रमुख, एमडी से की मुलाकात
रायपुर / गरियाबंद – आज से छत्तीसगढ़ प्रबंधक संघ का पूरे प्रदेश में अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू हो गई है। 10 दिनों के भीतर मुख्यमंत्री, वनमंत्री, विधायक एवं वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा के बाद सिर्फ मौखिक आश्वाशन से नाखुश छत्तीसगढ़ प्रबंधक संघ ने आखिरकार 06 02 2024 से अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। जिसका सीधा प्रभाव छत्तीसगढ़ के ग्रामीण तेंदूपत्ता एवं अन्य लघुवनोपज संग्रहणकर्ता परिवारों पर देखने को मिलने लगा है। प्रबंधकों के हड़ताल से लघुवनोपज संग्रहण, मिलेट्स संग्रहण, बीमा योजनाएं, तेंदूपत्ता शाखकर्तन पूर्ण रूप से बंद के कगार में है। जिससे 14 लाख परिवारों पर सीधा असर देखने को मिल रहा है।
राजनांदगांव में भी राज्य लघुवनोपज के सरकारी समिति के प्रबंधकों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। इस दौरान उन्होंने नारेबाजी भी की और मौजूदा एवं पूर्व सरकार पर मांगे पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए अपनी आवाज बुलंद की।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि आज से प्रदेशभर के 902 कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। पूर्व और वर्तमान सरकार ने अभी तक नियमितीकरण नहीं किया है। इसके अलावा वेतनमान में भी विसंगति है। 36 सालों से सेवा कर हैं, लेकिन उसके बावजूद भी आज तक उसका फल नहीं मिल पाया है। वन विभाग से संबंधित 65 प्रकार की योजनाओं का संचालन हमारे द्वारा किया जाता है हमारे हड़ताल पर चले जाने से काम पूरी तरह प्रभावित होगा। प्रदर्शनकारियों का आगे कहना था कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक आंदोलन ऐसे ही चलते रहेगा।