पटना – बिहार में राजनीतिक उठापटक के बीच आज राजद की विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव भी मौजूद रहे। बैठक के बाद राजद नेता मनोज झा ने कहा कि हर मुद्दे पर विधायकों से चर्चा हुई है। विधायकों की बातों को सुना गया है। उन्होंने कहा कि पूरी बातचीत सकारात्मक रही है। सारे विधायकों ने लालू यादव को आखिरी फैसला लेने के लिए अधिकृत किया है। लालू यादव जो फैसला लेंगे। उसके साथ हम सभी खड़े रहेंगे। वहीं, सूत्रों ने बताया है कि तेजस्वी यादव ने इस बैठक में साफ तौर पर कहा है कि मैं हमेशा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सम्मान किया है।
उपमुख्यमंत्री और पार्टी नेता तेजस्वी यादव ने पार्टी नेताओं से कहा कि सीएम नीतीश कुमार आदरणीय थे और हैं। सूत्रों ने कहा कि कई चीजें उनके (नीतीश कुमार) नियंत्रण में नहीं हैं। ‘महागठबंधन’ में राजद के सहयोगी दलों ने हमेशा मुख्यमंत्री का सम्मान किया। मुख्यमंत्री मेरे साथ मंच पर बैठते थे और पूछते थे, ”2005 से पहले बिहार में क्या था?” मैंने कभी प्रतिक्रिया नहीं दी… अब, अधिक लोग हमारे साथ हैं। जो काम दो दशकों में नहीं हुआ, वह हमने कम समय में कर दिखाया, चाहे वह नौकरी हो, जातिगत जनगणना हो, आरक्षण बढ़ाना हो। बिहार में अभी खेल होना बाकी है।
लालू यादव की रणनीति
लालू यादव भी लगातार रणनीति बनाने की कोशिश कर रहे हैं। लालू यादव को भी सरकार बनाने के लिए महज आठ विधायकों की जरूरत है। ऐसे में राजद खेमा भी शांत नहीं है और विधायकों का जुगाड़ करने की कोशिश जारी है। सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि राजद की ओर से जीतन राम मांझी से संपर्क किया गया था जिनके पास चार विधायक है। हालांकि, मांझी दावा कर रहे हैं कि वह एनडीए के साथ है और यही रहेंगे। लेकिन दावा यह भी किया जा रहा है कि जदयू के कई विधायक नीतीश के एनडीए में लौटने से खुश नहीं है और वह पाला बदल सकते हैं। शायद इन्हीं विधायकों पर लालू यादव की नजर है। लालू यादव किसी भी कीमत पर तेजस्वी यादव को सीएम बनाना चाहते हैं। हालांकि, तत्काल में विधायकों का जुगाड़ करना थोड़ा मुश्किल नजर आ रहा है। लेकिन जब बिहार विधानसभा फरवरी से शुरू होगी, त तब शायद लालू यादव कोई बड़ा खेल कर सके।