अयोध्या में भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी तेज हो गई है। इसे लेकर हर तरफ उत्साह का माहौल है। भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ से अयोध्या के लिए 3000 हजार क्विंटल चावल भेजने के बाद अब 100 टन सब्जी भेजी जाएगी।
रायपुर – अयोध्या में भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी तेज हो गई है। इसे लेकर हर तरफ उत्साह का माहौल है। भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ से अयोध्या के लिए 3000 हजार क्विंटल चावल भेजने के बाद अब 100 टन सब्जी भेजी जाएगी। इससे पूर्व आज गुरुवार शाम साढ़े पांच बजे 50 डॉक्टर्स की टीम अयोध्या के लिए रवाना होगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से बीते दिनों राज्य अतिथि गृह पहुना में छत्तीसगढ़ युवा प्रगतिशील किसान संघ के सदस्यों ने मुलाकात की। इस दौरान किसानों ने मुख्यमंत्री को दुर्ग जिले के कुम्हारी में 12 और 13 जनवरी को आयोजित दो दिवसीय किसान मेला में शामिल होने के लिए न्योता दिया। किसान संगठन ने 100 टन सब्जी अयोध्या भेजने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री साय ने किसानों के इस प्रयास पर मुहर लगा दी है। जल्द ही किसान 100 टन सब्जी इकट्ठा भगवान राम को अर्पण करेंगे। किसान संघ के अध्यक्ष विरेन्द्र लोहान ने सीएम को बताया कि मेले में किसान भाइयों के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के कृषि उत्पादों एवं आधुनिक यंत्रों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। कृषि विशेषज्ञों की संगोष्ठी आयोजित की जाएगी।
भेजा गया था 3 हजार कुंतल चावल
इससे पूर्व 30 दिसंबर को 11 ट्रकों से तीन हजार कुंतल चावल भेजा गया था। सीएम विष्णुदेव साय ने हरी झंडी दिखाकर सभी ट्रकों को रवाना किया था। इस चावल का इस्तेमाल भगवान श्रीराम के महाभंडारे में होगा। छत्तीसगढ़ के सुगंधित चावल से अयोध्या का महाभंडारा महकेगा। राज्य के राइसमिलर्स एसोसिएशन की तरफ से यह चावल भेजा गया है। सभी 33 जिलों से चावल एकत्र किया गया है। इसमें छत्तीसगढ़ की सबसे अच्छी किस्म का चावल शामिल है। राइसमिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि अयोध्या राम मंदिर समिति के पदाधिकारी चंपत राय ने छत्तीसगढ़ राइसमिलर्स को पत्र लिखकर चावल भेजने का अनुरोध किया था। इसके बाद चावल भेजने का फैसला लिया। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देशभर से श्रद्धालु अयोध्या पहुंचेंगे। ऐसे में सभी व्यवस्था का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहते हैं। राज्य में एक से बढ़कर एक चावल की किस्मों का उत्पादन होता है।
छत्तीसगढ़ के लोग भगवान राम को मानते हैं भांजा
छत्तीसगढ़ में सिर्फ भगवान राम को पूजते ही नहीं है बल्कि प्रदेश के लोग उन्हें अपना भांजा भी मानते हैं। यहीं वजह है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगे चंदखुरी में सफेद कमल खिले तालाब के बीचों बीच माता कौशल्या का भव्य मंदिर है। इसे 10वीं शताब्दी में बनाया गया था। त्रेता युग में इसे कौशलपुर नगरी के नाम से पुकारा जाता था।
माता कौशल्या का मायका है छत्तीसगढ़
पुराणों के मुताबिक, भगवान राम की माता कौशल्या का जन्म स्थान छत्तीसगढ़ है। यह उनका मायका है। भगवान राम का ननिहाल है। चंदखुरी में बने भव्य मंदिर में माता कौशल्या की गोद में भगवान राम बैठे हुए दिखाई देते हैं। इसी जगह को भगवान राम का ननिहाल कहते हैं। भूपेश सरकार में राम वनगमन पथ के तहत इस मंदिर का भव्य निर्माण किया गया है। अभी भी पथ का निर्माण कार्य चल रहा है। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम जब वनवास पर निकले थे तो यही से उन्होंने दक्षिण भारत की यात्रा की शुरुआत की थी।