नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो प्रोग्राम मन की बात के जरिए अपने विचार देशवासियों के साथ शेयर किए। इस दौरान उन्होंने गुजरात के जगदीश त्रिवेदी का जिक्र किया। वह अपनी कमाई घर नहीं ले जाते। वे इसे समाज कल्याण के लिए खर्च कर देते हैं।
पीएम ने कहा, “हास्य कलाकार के रूप में जगदीश त्रिवेदी ने 30 साल से भी ज्यादा समय से अपना प्रभाव जमा रखा है। पिछले 6 सालों में उन्हें अपने कार्यक्रमों से जितनी आमदनी हुई उसे स्कूल, हॉस्पिटल, लाइब्रेरी, दिव्यांग जनों से जुड़ी संस्थाओं और समाज सेवा में खर्च कर दिया। उन्होंने कहा था कि जब वे 2017 में 50 साल के हो जाएंगे तब कार्यक्रमों से होने वाली आय घर नहीं ले जाएंगे, बल्कि समाज पर खर्च करेंगे। 2017 के बाद से अब तक वो लगभग पौने 9 करोड़ रुपए सामाजिक कार्यों पर खर्च कर चुके हैं।”
कौन हैं जगदीश त्रिवेदी?
जगदीश त्रिवेदी प्रसिद्ध गुजराती हास्य कलाकार हैं। उनका जन्म सुरेंद्रनगर जिले के गुजारवाती गांव में हुआ था। त्रिवेदी ने तीन पीएचडी की हैं और 60 किताबें लिखी हैं। वह 76 बार विदेश गए हैं। अकेले अमेरिका में 1000 शो में प्रदर्शन किया है। त्रिवेदी की मदद से 7 स्कूल बने हैं। स्कूल बनवाने का काम त्रिवेदी ने गुजरात के एक छोटे से शहर थानगढ़ में दो स्कूलों से शुरू किया था। यहां उनके माता-पिता ने शुरुआती दिनों में शिक्षक के रूप में काम किया था। स्कूल में तीन टूटे हुए कमरे थे। त्रिवेदी ने छह क्लासरूम वाला स्कूल बनवाया।
इसके बाद त्रिवेदी ने सुरेंद्रनगर के सायला में एक स्कूल बनवाया। यहां हजारों स्टोन क्रशर मजदूर और उनके परिवार रहते हैं। उनके पास कोई स्कूल नहीं था, जहां बच्चे पढ़ सकें। त्रिवेदी ने छठा स्कूल इसी जिले के चोटिला शहर नामक एक छोटे से शहर के पास सपेरों की एक जनजाति के बच्चों के लिए बनवाया था। त्रिवेदी स्कूल के बच्चों को यूनिफॉर्म, किताबें आदि देते हैं। प्रत्येक स्कूल में लाइब्रेरी, वाटर कूलर, पंखे, लाइट आदि सुविधाएं हैं। वर्तमान में लगभग 1000 बच्चे इन स्कूलों में पढ़ रहे हैं। त्रिवेदी का सपना गुजरात के हर जिले में कम से कम एक स्कूल बनाना है।