पार्टी के कार्यक्रम से जुड़ी रिपोर्ट्स के मुताबिक राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर ही जनसंपर्क की नई कवायद कर रहे हैं। पूर्वोत्तर भारतीय प्रदेश मणिपुर से 14 जनवरी को शुरू होने वाली यात्रा 20 मार्च को खत्म होगी। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि यात्रा के दौरान युवाओं, महिलाओं और हाशिए पर मौजूद लोगों से बातचीत करने का प्रयास किया जाएगा।
इन प्रदेशों को कवर करेगी भारत न्याय यात्रा
उन्होंने कहा कि कई प्रदेशों से गुजरी इससे पहले भारत जोड़ो पदयात्रा के बाद राहुल गांधी और कांग्रेस के पास बड़ा अनुभव है। वेणुगोपाल ने कहा कि भारत न्याय यात्रा 6,200 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। मणिपुर से शुरुआत के बाद कांग्रेस नेता नागालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के कुछ हिस्सों में भी जाएंगे। सबसे अंत में भारत न्याय यात्रा महाराष्ट्र पहुंचेगी। मुंबई में 20 मार्च को यात्रा का समापन होगा।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी में भारत न्याय यात्रा पर चर्चा
वेणुगोपाल के मुताबिक, बीते 21 दिसंबर को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई। इसमें सर्वसम्मति से 14 जनवरी से मणिपुर से मुंबई तक ‘भारत न्याय यात्रा’ आयोजित करने का फैसला लिया गया। समिति ने स्वीकार किया कि राहुल गांधी को पूर्व से पश्चिम तक जाने वाली इस यात्रा की शुरुआत मणिपुर से ही करनी चाहिए। राहुल गांधी भी समिति में बनी आम सहमति पर राजी हो गए।
14 राज्यों और 85 जिलों से गुजरेगी यात्रा
65 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा के दौरान राहुल और अन्य कांग्रेस नेता 14 राज्यों और 85 जिलों से गुजरेंगे। भारत जोड़ो यात्रा के विपरीत, इस बार बस से 6,200 किलोमीटर का सफर तय किया जाएगा। कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल के मुताबिक बस यात्रा के दौरान आम लोगों को बड़ी संख्या में राहुल से मिलने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि पूरे सफर के दौरान समय-समय पर थोड़ी दूरी तक पदयात्रा की योजना भी बनाई गई है।
राहुल गांधी 150 दिनों की भारत जोड़ो यात्रा में 4500 किमी घूमे
बता दें कि इससे पहले राहुल गांधी ने पिछले साल 6 सितंबर को कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी। 150 दिनों में 4500 किलोमीटर से अधिक की पदयात्रा के दौरान व्यापक जनसंपर्क अभियान हुआ था। सोशल मीडिया पर भी भारत जोड़ो यात्रा बेहद चर्चित रही थी। सफलता से उत्साहित कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल से एक और यात्रा शुरू करने का अनुरोध कर रहे थे।
पूर्वोत्तर से शुरुआत करने का संभावित मकसद?
मणिपुर से यात्रा की शुरुआत को कांग्रेस का सियासी निशाना भी माना जा रहा है। बता दें कि इसी साल मई महीने में हिंसक घटनाओं और जातीय टकराव के कारण मणिपुर लगातार सुर्खियों में रहा था। संवेदनशील हालात को देखते हुए खुद गृह मंत्री अमित शाह को मणिपुर दौरा करना पड़ा था। कूकी और मैतेई समुदाय के टकराव और हिंसा के दौरान ‘महिलाओं की नग्न परेड’ जैसी शर्मसार करने वाली घटनाएं भी सामने आई थीं। इस मुद्दे पर संसद में भी हंगामा हुआ था।