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क्या होता है स्मोक बम? जिससे प्रदर्शनकारियों ने पार्लियामेंट को धुआं-धुआं कर दिया

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अनजान लोगों ने 13 दिसंबर को लोकसभा के अंदर घुसकर हंगामा किया, इस दौरान स्मोक बम का इस्तेमाल करते हुए पार्लियामेंट में जमकर धुआं फैला दिया गया. आखिर ये स्मोक बम क्या होता है, जिसका इस्तेमाल हुआ है.

नई दिल्ली – संसद में जारी शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को एक बड़ा हादसा हुआ. दो अनजान लोग संसद की कार्यवाही के दौरान ही दर्शक दीर्घा से संसद की गैलरी में कूद गए, ये सब उस दौरान हुआ जब कई सांसद वहां पर मौजूद थे और इतनी बड़ी सुरक्षा में चूक यहां पर हो गई. दोनों प्रदर्शनकारियों ने अपने इस हंगामे के दौरान संसद में स्मोक बम का इस्तेमाल किया और पूरी पार्लियामेंट को धुआं-धुआं कर दिया.

जैसा कि नाम से ही प्रतीत होता है, ये एक ऐसा पटाखा है जिससे बहुत सारा धुआं पैदा होता है. अक्सर इस तरह के स्मोक बम आप दीवाली या फिर किसी पार्टी में देखते होंगे. पिछले कुछ वक्त से ये भारत में काफी ट्रेंड में हैं और आज इसका इस्तेमाल संसद में प्रदर्शन के तौर पर किया गया है.

स्मोक बम के इतिहास में जाएंगे तो ये मूलरूप से जापानी इतिहास में आता है. लेकिन अगर मॉर्डन टाइम में बात करें तो सन 1848 में ब्रिटिश इन्वेंटर रॉबर्ट येल ने स्मोक बम को इन्वेंट किया. इसमें चीनी तरीके का इस्तेमाल किया गया, साथ ही कुछ बदलाव करते हुए ऐसी चीज़ें डाली गई जिससे स्मोक लंबे वक्त तक बना रहे.

मौजूदा वक्त में अलग-अलग तरह के स्मोक बम देखने को मिलते हैं, जिनसे रंगीन धुआं निकलता है. बुधवार को संसद में जो स्मोक बम का अटैक हुआ, उसमें भी पीला और लाल रंग का धुआं निकलता हुआ दिखाई दिया. जो संसद भवन के भीतर और फिर बाहर जब प्रदर्शनकारियों को पकड़कर ले जाया गया था, उस वक्त दिखाई दिया.

संसद में बुधवार को क्या हुआ?

बुधवार को जब संसद की कार्यवाही चल रही थी, उसी दौरान लोकसभा में दोपहर करीब सवा एक बजे एक शख्स दर्शक दीर्घा से कूद गया. और कूदता-फांदता हुआ स्पीकर चेयर की ओर बढ़ रहा था, जैसे ही ये शख्स सांसदों की सीट से गुजर रहा था उसी दौरान वहां मौजूद सांसदों ने इस शख्स को पकड़ लिया. ये संसद की सुरक्षा में एक बड़ी चूक है, क्योंकि जिस तरह से सांसद के गेस्ट के तौर पर हमलावर सदन के भीतर आया और इस तरह की हरकत की, जिससे वहां मौजूद सांसद और लोग मुश्किल में आ सकते थे.