पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा, ”विचारधारा के साथ-साथ आपको एक रणनीति की भी जरूरत है.” उन्होंने कहा, ”अगर सीट-बंटवारे की व्यवस्था सही से हुई, तो बीजेपी 2024 में सत्ता में नहीं आएगी.”
नई दिल्ली – तीन राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद विपक्षी गठबंधन में एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं. इंडिया गठबंधन के कई सहयोगी दलों ने इस हार के लिए मतों के बंटवारे को जिम्मेदार बताया है. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि यह ”जनता की नहीं, बल्कि कांग्रेस की हार है.” समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस की हार पर प्रतिक्रिया देते हुए सुझाव दिया कि क्षेत्रीय दलों को उन क्षेत्रों में भाजपा के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करना चाहिए जहां उनका प्रभाव अधिक है. ममता बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस ने तेलंगाना जीत लिया है. वे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान भी जीत गए होते. हमने सीट-बंटवारे की व्यवस्था का सुझाव दिया था. वोटों के बंटवारे के कारण वे हार गए.
“विचारधारा के साथ-साथ आपको एक रणनीति की भी जरूरत है”
पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा, ”विचारधारा के साथ-साथ आपको एक रणनीति की भी जरूरत है.” उन्होंने कहा, ”अगर सीट-बंटवारे की व्यवस्था सही से हुई, तो बीजेपी 2024 में सत्ता में नहीं आएगी.” उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन अगले साल आम चुनाव से पहले मिलकर काम करेगा और गलतियों को सुधारेगा. उन्होंने कहा, ”हम गलतियों से सीखेंगे.”गौरतलब है कि इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने कई सीटों पर अलग-अलग चुनाव लड़ा था. जानकारों का मानना है कि इससे वोटों में विभाजन हुआ और भाजपा को फायदा हुआ. मध्य प्रदेश में कांग्रेस की अखिलेश यादव की पार्टी से बातचीत चल रही थी, लेकिन सीट बंटवारे को लेकर बातचीत टूट गई.
कमलनाथ और अखिलेश यादव में गठबंधन को लेकर नहीं बनी थी बात
एक समय, कांग्रेस के अभियान का नेतृत्व कर रहे कमलनाथ ने गठबंधन की बातचीत पर मीडिया के एक सवाल को खारिज करते हुए कहा था “छोड़ो अखिलेश, वखिलेश…”. इस टिप्पणी के बाद गठबंधन की बातचीत खत्म हो गयी. चुनाव परिणाम के बाद समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनोज यादव काका ने कहा, “कमलनाथजी द्वारा अखिलेशजी के लिए इस्तेमाल किए गए अपमानजनक शब्द ही कांग्रेस की हार का कारण हैं. उन अशोभनीय टिप्पणियों के कारण ही कांग्रेस की हार हुई. चुनाव परिणामों के बारे में बोलते हुए यादव ने सोमवार को कहा, “यह एक लंबी लड़ाई है. हमें भाजपा जैसी पार्टी को हराने के लिए बहुत तैयारी करनी होगी. हमें अनुशासन के साथ उनकी रणनीतियों से लड़ना होगा.
सीपीआईएम और जेडीयू ने भी उठाए सवाल
जनता दल-यूनाइटेड के केसी त्यागी ने कहा कि कांग्रेस ने “इंडिया गठबंधन की अन्य पार्टियों को नजरअंदाज किया, लेकिन अपने दम पर जीतने में असमर्थ रही”. केरल के मुख्यमंत्री और सीपीएम नेता पिनाराई विजयन ने कहा कि हिंदी पट्टी में बीजेपी से मुकाबला करते समय साथ मिलकर लड़ना जरूरी है.शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने कहा कि अगर कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के अन्य घटकों के साथ कुछ सीटें साझा की होतीं तो मध्य प्रदेश चुनाव के नतीजे अलग होते.
एक प्रमुख विपक्षी दल के एक वरिष्ठ नेता ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस गठबंधन के भीतर अधिक सौदेबाजी के लिए चुनाव परिणामों का इंतजार कर रही थी. उन्होंने कहा, “लंबे समय से इंडिया गठबंधन की कोई बैठक नहीं हुई है. कांग्रेस मिलना नहीं चाहती थी. शायद वे अधिक सौदेबाजी की ताकत के लिए नतीजों का इंतजार कर रहे थे. लेकिन कांग्रेस की चाल सफल नहीं हुई. अब मुख्य विपक्षी दल इस इंडिया गठबंधन की अगली बैठक करेंगे.