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माता-पिता के हत्यारे को फांसी – संपत्ति की लालच में इकलौते बेटे ने मारी थी गोली, सजा सुनते ही बेहोश होकर गिरा

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दुर्ग – छत्तीसगढ़ में दुर्ग के चर्चित रावलमल जैन दंपति हत्याकांड मामले में कोर्ट ने उनके बेटे संदीप जैन को मौत की सजा सुनाई है। सजा सुनते ही संदीप कोर्ट में बेहोश होकर गिर पड़ा। वहीं हत्याकांड में साथ देने वाले दो अन्य दोषियों शैलेंद्र सिंह सागर और भगत सिंह गुरुदत्ता को पांच-पांच साल की सजा सुनाई गई है। संदीप ने संपत्ति की लालच में एक जनवरी 2018 को अपने माता-पिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मामले की सुनवाई दुर्ग सत्र कोर्ट की विशेष बेंच ने की।
rawalmal jain couple murder case; son sandeep sentenced to death in durg
छत्तीसगढ़ में दुर्ग के चर्चित रावलमल जैन दंपति हत्याकांड मामले में कोर्ट ने उनके बेटे संदीप जैन को मौत की सजा सुनाई है। सजा सुनते ही संदीप कोर्ट में बेहोश होकर गिर पड़ा। वहीं हत्याकांड में साथ देने वाले दो अन्य दोषियों शैलेंद्र सिंह सागर और भगत सिंह गुरुदत्ता को पांच-पांच साल की सजा सुनाई गई है। संदीप ने संपत्ति की लालच में एक जनवरी 2018 को अपने माता-पिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मामले की सुनवाई दुर्ग सत्र कोर्ट की विशेष बेंच ने की।
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‘अपनों का जीवन समाप्त हो, तो उसके लिए क्या सजा’
दुर्ग जिला कोर्ट ने करीब 20 साल बाद किसी अभियुक्त को फांसी की सजा दी है। विशेष न्यायधीश शैलेश कुमार तिवारी ने फैसला सुनाने से पहले साहित्यकार जयशंकर प्रसाद की चार पंक्तियां सुनाई। उन्होंने फैसले में इन पंक्तियों का उल्लेख करते हुए  कहा कि, अज्ञानता के कारण जो कार्य किया गया हो। उससे किसी अपनों का जीवन समाप्त होता है, तो उसके लिए विरलतम सजा क्या होनी चाहिए। कोर्ट का आदेश सुनते ही संदीप बेहोश होकर वहीं गिर पड़ा। उसे होश में लाकर जेल दाखिल किया गया।
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पिता को दो, मां को तीन गोलियां मारी
दरअसल, रावलमल जैन शहर के प्रतिष्ठित व्यावसायी और जैन समाज के प्रमुखों में से थे। पार्श्व तीर्थ मंदिर के मुख्य ट्रस्टी भी थे। रावलमल और उनकी पत्नी सुरीजी देवी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। रावलमल को दो गोलियां मारी गईं और सुरीजी देवी को तीन गोलियां लगी थीं। घर के पीछे गलियारे में एक सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल और प्लास्टिक पाउच में 24 गोलियां मिली। जबकि वारदात के समय संदीप अपने कमरे में सोता मिला था। इस पर पुलिस ने पूछताछ की तो हत्या की बात स्वीकार कर ली।
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पिता दूसरा काम करने को कहते थे
जांच में पता चला कि संदीप करोड़ों की संपत्ति का मालिक बनना चाहता था। इसलिए उसने सुनियोजित तरीके से अपनी मां सुरीजी देवी और पिता रावलमल जैन की हत्या कर दी थी। इसके लिए संदीप जैन ने पिस्तौल भगत सिंह गुरुदत्ता और शैलेन्द्र सागर से 1.35 लाख रुपये में खरीदी थी। संदीप पेशे से कवि और फिटनेस ट्रेनर था। बेटे को माता-पिता दूसरा काम करने को कहते थे। जिसको लेकर अक्सर झगड़ा होता था। इसी के चलते संदीप ने पिता के जन्मदिन ही उनको गोली मार दी थी।साभार