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आप न उठाना ये जोखिम भरा कदम: HIV ले रहा जान न बनें अनजान, कोरोना के बाद बढ़े आंकड़े; जरूर बरतें ये सावधानियां

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हरियाणा में ज्यादातर मामले गुरुग्राम, हिसार, पलवल, पटौदी, नारनौल और रोहतक जैसे जिलों से सामने आ रहे हैं। इसमें 22 से 45 वर्षीय युवाओं में संक्रमण दर अधिक है।

गुरुग्राम – कोरोना के बाद गुरुग्राम में 516 लोग ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियंसी वायरस (एचआईवी) पीड़ित मिले हैं। इसमें सबसे अधिक 22 से 45 वर्षीय युवा हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक यौन संबंधों में लापरवाही और दिखावे की जीवन शैली युवाओं पर भारी पड़ रही है। हरियाणा में ज्यादातर मामले गुरुग्राम, हिसार, पलवल, पटौदी, नारनौल और रोहतक जैसे जिलों से सामने आ रहे हैं। इसमें 22 से 45 वर्षीय युवाओं में संक्रमण दर अधिक है।

सामने आए आंकड़ों में महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में एचआईवी की पुष्टि अधिक है। फोर्टिस अस्पताल की संक्रमण विशेषज्ञ डॉ. नेहा रस्तोगी ने बताया कि असुरक्षित यौन संबंध, दिखावे के चक्कर में टैटू बनवाने में सुई (नीडल) और बाहर सैलून से शेव बनवाने में एक ही ब्लेड का लापरवाही से इस्तेमाल युवाओं को एचआईवी पीड़ित बना रहा है।

बीते दो वर्ष में फोर्टिस अस्पताल में ऐसे मरीजों का डेटा संकलित किया। इसमें सामने आया कि बीते दो वर्षो में 102 मरीजों में एचआईवी की पुष्टि हुई। इसमें 45 फीसदी में असुरक्षित यौन संबंध, 17 फीसदी में टैटू बनवाने में असुरक्षित सूई (नीडल), 15 फीसदी में ब्लड ट्रांसफ्यूजन और तीन फीसदी में नशा एचआईवी का कारण रहा।

ब्लड कैंसर विशेषज्ञ डॉ. राहुल भार्गव ने बताया कि एचआईवी पीड़ित नौ मरीजों में कैंसर की पहचान हुई। ऐसे मरीजों में गैर-संक्रामक रोग या त्वचा संबंधी विकार और लिंफोमा के मामले सामने आए। इसमें चार भारतीय और पांच विदेशी मरीज रहे। उन्होंने कहा कि ऐसे में जरूरी है कि समय पर मरीज की जांच हो।

केस हिस्ट्री

केस-1, सैलून पर दाढ़ी की सेटिंग करवाने वाले युवक को एचआईवी
जिले के 33 वर्षीय एक व्यक्ति को लंबी दाढ़ी का शौक भारी पड़ गया। कोरोना के दौरान युवक ने लंबी दाढ़ी रखनी शुरू कर दी। दाढ़ी को सही आकार देने के लिए युवा ने सैलून पर उसकी सेटिंग करानी शुरू कर दी। बीते वर्ष जांच में पता चला कि युवक इस बीच एचआईवी पीड़ित हो गया है। अब वह एचआईवी की दवा ले रहे हैं।

केस-2, टैटू के शौक ने बना दिया एचआईवी पीड़ित

जिले के एक वकील को भी टैटू का शौक भारी पड़ गया। हाल ही में 38 वर्षीय अधिवक्ता (वकील) में एचआईवी की पुष्टि हुई है। काउंसलिंग के दौरान पता चला कि वह घूमने के शौकीन है। इस बीच स्थानीय डिजाइन के टैटू बनवाते रहे। बीते दो वर्ष में वह दार्जलिंग, देहरादून जैसे स्थानीय पर्यटन स्थलों पर टैटू बनवाते रहे। विशेषज्ञ अधिवक्ता में एचआईवी का स्रोत टैटू मान रहे हैं।
लक्षण: अक्सर बीमार रहना, रह रहकर बुखार आना, वजन में लगातार कमी, पेचिश की शिकायत
बचाव – सुरक्षित यौन संबंध, किसी अन्य पर इस्तेमाल ब्लेड-सुई (निडल) के दोबारा इस्तेमाल से बचना, लक्षण पर एचआईवी जांच के लिए आगे आना।

संक्रमण के संदेह में पहले पांच दिन खास

एचआईवी संक्रमित के साथ यौन संबंध या असुरक्षित निडिल (सिरिंज) ब्लेड लगने पर पहले पांच दिन बेहद खास हैं। ऐसे समय में तुरंत नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें। यहां पांच दिन में एचआईवी बचाव की दवा के जरिए संदिग्ध को संक्रमित होने से बचाया जा सकता है। डॉ. विशेषज्ञ नेहा ने बताया कि इस गोल्डन पीरियड के दौरान ली गई दवा 90 से 95 फीसदी तक कारगर साबित होती है।

प्रयास है कि समुदाय के प्रभावशाली लोग अपने स्तर पर सकारात्मक पहल कर दूसरों को जांच के लिए प्रेरित करें। इससे जल्द से जल्द लोगों को एचआईवी का इलाज दिया जा सकेगा। जांच ही बचाव का सही तरीका है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर इसकी जांच सुविधा उपलब्ध है। दवाई के लिए भी एंटी रेट्रोवायरल थैरेपी (एआरटी सेंटर) खोले गए हैं। मरीज यहां दवा ले सकता है। -डॉ. वीरेंद्र यादव, सिविल सर्जन

वर्ष कुल संक्रमित संक्रमितों की संख्या
2021 121
2022 224
2023 171