NCDC के पूर्व डायरेक्टर डॉक्टर सुजीत सिंह से इस बारे में एनडीटीवी को जानकारी दी कि चीन की जानकारी पर संदेह रहता है इसलिए एहतियातन अलर्ट जारी किया है.
कोरोना के बाद चीन में एक नई बीमारी पांव पासरती दिखाई दे रही है. इसके चलते बड़ी संख्या में लोग निमोनिया की तरह की एक नई बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं, जिसमें बच्चों की संख्या बहुत ज़्यादा है हालांकि इस नई बीमारी का कोरोना से कुछ लेना देना है या नहीं ये अभी साफ नहीं है. चीन में इस बीमारी के फैलने के बाद भारत सरकार भी एहतियातन अलर्ट बरत रही है. NCDC के पूर्व डायरेक्टर डॉक्टर सुजीत सिंह से इस बारे में एनडीटीवी को जानकारी दी कि चीन की जानकारी पर संदेह रहता है इसलिए एहतियातन अलर्ट जारी किया है. देखना ये है कि क्या हमारे यहां इस तरह की बीमारी आ चुकी है? या फिर ये सामान्य निमोनिया के केस हैं? सांस की बीमारी सामान्य या इसकी चीनी कनेक्शन? ISDP के नेटवर्क को सचेत किया गया है. कम्यूनिटी में केस की स्टडी करनी है. केस बढ़े तो सैंपल लेकर टेस्टिंग हो. H3 N2, H1N1 की अपेक्षा H9N2 के भी टेस्ट हों. टेस्ट से पता चलेगा पैटर्न किस तरह का है. मॉर्बिडिटी या मॉर्टलिटी को भी देखने की ज़रूरत है. हमारी रणनीति रहती है कि हम लैब और सर्विलांस के जरिए नज़र रखते हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किए थे दिशा-निर्देश
गौरतलब है कि उत्तरी चीन में बच्चों में श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि के संकेत संबंधी हाल की रिपोर्टों के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को तुरंत सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा करने की सलाह दी है. मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि उसने अत्यधिक सतर्कता बरतते हुए श्वसन संबंधी बीमारियों से निपटने के लिए प्रारंभिक उपायों की सक्रिय रूप से समीक्षा करने का निर्णय लिया है. इसमें कहा गया है, ‘‘मौजूदा इन्फ्लूएंजा और सर्दी के मौसम के मद्देनजर इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिसके कारण श्वसन संबंधी बीमारी के मामलों में वृद्धि हो रही है. भारत सरकार स्थिति पर करीब से नजर रख रही है और संकेत दिया है कि किसी भी तरह की चेतावनी की जरूरत नहीं है.”सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने उन्हें सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पताल की तैयारियों जैसे कि बिस्तरों की उपलब्धता, इन्फ्लूएंजा के लिए दवाओं और टीकों, चिकित्सा ऑक्सीजन, एंटीबायोटिक्स, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, परीक्षण किट, ऑक्सीजन संयंत्रों और वेंटिलेटर की कार्यक्षमता आदि की समीक्षा करने की सलाह दी है. राज्य के अधिकारियों को इस साल की शुरुआत में साझा किए गए ‘कोविड-19′ के संदर्भ में संशोधित निगरानी रणनीति संबंधी परिचालन दिशानिर्देशों को लागू करने की सलाह दी है.
पत्र के अनुसार, उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है कि एकीकृत रोग निगरानी परियोजना (आईडीएसपी) की जिला और राज्य निगरानी इकाइयों द्वारा विशेष रूप से बच्चों और किशोरों में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन संबंधी बीमारी (एसएआरआई) के रुझान पर बारीकी से नजर रखी जाये. राज्य के अधिकारियों को श्वसन संबंधी बीमारियों वाले मरीजों विशेष रूप से बच्चों और किशोरों के नाक और गले के स्वाब के नमूने वायरस अनुसंधान और नैदानिक प्रयोगशालाओं में भेजने के लिए कहा गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा हाल में साझा की गई जानकारी में चीन के उत्तरी हिस्सों में सांस की बीमारी में वृद्धि का संकेत दिया गया है. यह मुख्य रूप से इन्फ्लूएंजा, निमोनिया और सार्स-सीओवी-2 जैसे रोगों के लिए जिम्मेदार है. मंत्रालय ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने चीनी अधिकारियों से अतिरिक्त जानकारी मांगी है, लेकिन यह आकलन किया गया है कि फिलहाल किसी भी तरह की चिंता की कोई बात नहीं है.