प.अरविन्द मिश्रा रायपुर – अदभुत ,अद्वितीय सूर्य चंद्र की युति अमावस्या का योग बनाती है ,कार्तिक मास को अमावस्याकी यह खगोलीय घटना आध्यात्मिक स्वरूप को भी स्पष्ट रूप से दर्शाती है ,इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का अयोध्या की प्रजा से मिलन हुआ था ,राजा का कारक ग्रह सूर्य तथा प्रजा का कारक ग्रह चंद्रमा होता है,तथा सूर्य और चन्द्र की युति अमावस्या का योग बनाती है ।
कार्तिक अमावस्या की दीपोत्सव की परंपरा का प्रारंभ तभी से हुआ था
प्रकाशोत्सव के इस दिन जगतजननी मां लक्ष्मी ,प्रथम पूज्य भगवान गणेश ब धन के स्वामी ,यक्षों के राजा ,सम्पूर्ण संसार के रक्षक श्री कुबेर जी की पूजा होती है,मां लक्ष्मी ,विघ्न विनाशक गणेश ब धन के देवता कुबेर की कृपा अनुकंपा आप और हम सब पर सदैव सतत रूप मे बनी रहे ।
हम सबके जीवन में सुख शांति और समृद्धि रूपी प्रकाश की सतत वर्षा होती रहे …आप सभी को सपरिवार इष्ट मित्रों सहित प्रकाश के इस पावन पर्व दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं