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केजरीवाल के साथ बड़ी घटना! कोर्ट परिसर में संजय सिंह के दावे से सनसनी

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नई दिल्‍ली – आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता संजय सिंह के बयान से खलबली मच गई है। कोर्ट परिसर में पेशी के दौरान उन्‍होंने बड़ा दावा कर दिया। यह दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से जुड़ा है। संजय सिंह ने कहा कि केजरीवाल को फंसाने की बहुत बड़ी साजिश है। सिर्फ गिरफ्तारी नहीं, केजरीवाल के साथ बड़ी घटना को अंजाम देने वाले हैं ये लोग। पार्टी की ओर से यह वीडियो क्लिप शेयर करते ही सोशल मीडिया पर ‘बड़ी घटना’ ट्रेंड होने लगा।

शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संजय सिंह जेल में हैं। दिल्ली की एक अदालत ने AAP नेता संजय सिंह की न्यायिक हिरासत की अवधि शुक्रवार को 24 नवंबर तक बढ़ा दी। विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने सिंह को संसद सदस्य के रूप में विकास कार्यों से संबंधित तीन पत्रों पर हस्ताक्षर करने की भी अनुमति दी। ये तीनों पत्र दिल्ली नगर निगम के आयुक्त के नाम थे। न्यायाधीश ने संबंधित अधिकारियों को उन्हें पंजाब की एक अदालत के समक्ष पेश करने का भी निर्देश दिया, जब सूचित किया गया कि पंजाब के अमृतसर की एक अदालत से एक मामले में पेशी वारंट प्राप्त हुआ है।
आप नेता संजय सिंह के बयान से सनसनी फैल गई है। शुक्रवार को कोर्ट में पेशी के दौरान लाते वक्‍त उन्‍होंने बड़ा बयान दिया। संजय सिंह ने बीजेपी का नाम लिए बगैर दावा किया कि केजरीवाल को फंसाने की बहुत बड़ी साजिश है। उनकी सिर्फ गिरफ्तारी नहीं होगी। अलबत्‍ता कोई बड़ी घटना को अंजाम दिया जा सकता है।
इस बीच अदालत कक्ष में लाए जाने के दौरान आप नेता ने भाजपा का नाम लिए बिना आरोप लगाया कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने से भी बदतर कुछ करने की योजना बनाई है। उन्होंने अदालत कक्ष के बाहर मीडियाकर्मियों से कहा, ‘केजरीवाल को फंसाने की एक बड़ी साजिश है। सिर्फ गिरफ्तारी ही नहीं, वे केजरीवाल के साथ कुछ और भी बुरा करने जा रहे हैं। वे कुछ और बड़ा अंजाम देंगे।’

इस बीच न्यायाधीश ने न्यायिक हिरासत में जेल में बंद मामले के सह-अभियुक्त दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुरक्षा के बीच शनिवार को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच बीमार पत्नी से मिलने की अनुमति दे दी। मनी लॉन्ड्रिंग रोधी एजेंसी ने सिंह को चार अक्टूबर को गिरफ्तार किया था।

प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया कि सिंह ने आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इससे कुछ शराब निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को फायदा हुआ था। हालांकि, इस नीति को अब रद्द कर दिया गया है।