रायपुर – एक समय था जब छत्तीसगढ़ की सियासत में अजीत जोगी का रोल अहम हुआ करता था. नया प्रदेश बनने के बाद अजीत जोगी पहले मुख्यमंत्री बने. इसके बाद भाजपा की सरकार बनने के बाद भी छत्तीसगढ़ की राजनीति में वो ऐसे किरदार थे जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता था. उनकी राजनीतिक विरासत के रूप में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ पार्टी मिली इकलौते बेटे अमित जोगी को. छत्तीसगढ़ की राजनीति में अमित जोगी ने विधानसभा चुनाव के ठीक पहले अपनी पार्टी के फैसलों के लिए लोगों को भावनात्मक पत्र लिखकर समर्थन जुटाने को कहा है.
अमित जोगी ने अपने पत्र की शुरुआत में ही पिता अजीत जोगी को मिले प्यार का उल्लेख किया है. अमित ने लिखा कि ‘पापा के रहते हुए और पापा के जाने के बाद भी आप लोगों ने कठिन समय में जोगी परिवार का साथ नहीं छोड़ा. पार्टी और परिवार में बने रहे. आभार व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं.’ इसके बाद अमित सीधे चुनाव की बात पर आते हैं. उन्होंने लिखा-‘अब चुनाव में बहुत समय कम बचा है. मैंने, आपने हम सभी ने कई बार पार्टी के और हम सभी के राजनीतिक भविष्य को लेकर कइयों बार चर्चा की है. बहुत ज्यादा इस पर विचार विमर्श हुआ है. गठबंधन विलय के सारे विकल्पों पर हमने साथ में काम किया है. बात बहुत साफ है, अगर मेरा राजनीतिक भविष्य उज्ज्वल है तो आप लोगों का भी होगा. अगर मेरा नाम ऊंचा जाएगा, जोगी परिवार और राजनीतिक विरासत आगे बढ़ेगी, जिसका फायदा आप को ही होगा.’
दो दलों से टक्कर लेने संसाधन रोल मॉडल की जरूरत
अमित ने अपने खत में लिखा कि अब हम और रुक नहीं सकते, ये निर्णायक घड़ी है. दोनों राष्ट्रीय दलों से टक्कर लेने हमें संसाधन, सामर्थ्य चेहरा और रोल मॉडल की आवश्यकता होगी. एक ऐसी कड़ी जिसको स्वयं जोगी जी ने अपने रहते ही जोड़ा था और अब हम इस कड़ी से जुड़कर और मिलकर छत्तीसगढ़ में 2023 में अपनी सरकार बनाएंगे.’ अमित ने लिखा कि इस संबंध में मैं आप लोगों से यह विनती करता हूं और वादा चाहता हूं कि जो भी निर्णय हम इस हफ्ते लें, उसमें आप मेरे साथ खड़े रहेंगे. मैं विश्वास दिलाता हूं आपका भविष्य अब केवल और केवल उज्ज्वल ही होगा.’
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के मुखिया अमित जोगी ने यह लेटर अपने ट्विटर हेंडल पर शेयर किया है.
जोगी कांग्रेस का सफर
छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी की जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (JCCJ) का गठन जून 2016 में किया गया था. इसे जोगी कांग्रेस भी कहा जाता है. पार्टी का सफर सात साल का है. इस बीच छत्तीसगढ़ विधानसभा के चुनाव 2018 में हुए. इस चुनाव में जनता कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन था. पार्टी को 7 सीटें मिली थीं. इनमें से 5 जनता कांग्रेस की थी.
इसलिए अमित को लिखना पड़ा भावनात्मक खत
वर्तमान हालातों में जनता कांग्रेस बिखरी हुई है. कुछ महीनों पहले ही पार्टी के एक विधायक धर्मजीत सिंह पार्टी के कुछ अन्य लोगों के साथ भाजपा में विलय की कोशिश कर चुके हैं. इसके बाद धर्मजीत को पार्टी से निकाल दिया गया. हाल ही में अमित जोगी पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए सैकड़ों लोगों ने पार्टी छोड़ दी. तीन साल पहले अजीत जोगी का निधन हो जाने के बाद उनकी पारंपरिक सीट मरवाही उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत ली. इसी तरह विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद खैरागढ़ सीट भी कांग्रेस ने जीत ली. अब वैधानिक रूप से पार्टी के दो विधायक रेणु जोगी और प्रमोद साहू हैं, लेकिन साहू पर धर्मजीत के कट्टर समर्थक होने का ठप्पा लगा है. ऐसे हालातों में अमित ने एक बार फिर पार्टी को खड़ा करने की कोशिश की है.