रायपुर – जिले में 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू हो रही है। जिले के 102 खरीदी केंद्रों में 1.10 लाख किसानों ने इसके लिए पंजीयन कराया है। इस बार केंद्र सरकार का आदेश है कि बायोमीट्रिक मशीन से ही किसानों का सत्यापन किया जाए। पहले से रजिस्टर्ड थम्ब इंप्रेशन के आधार पर किसान के धान की खरीदी होगी। पहली बार यह व्यवस्था लागू की जा रही है, लेकिन अब तक एक भी मशीन न जिले न ही खरीदी केंद्रों तक पहुंची है।
खास बात यह है कि मशीन को लेकर ट्रायल तक नहीं हुआ है। ऐसे में शुरुआती दिनों में तकनीकी दिक्कतों की वजह से धान खरीदी में किसानों की परेशानी बढ़ने की आशंका बनी हुई है। शासन ने मशीनों का संचालन आउटसोर्सिंग में दिया है। लेकिन मशीन नहीं पहुंचने से केंद्र के आदेश का पालन को लेकर संशय बना हुआ है। जिन किसानों का थम्ब इंप्रेशन नहीं मिलेगा, मोबाइल से सत्यापन होगा धान खरीदी केंद्रों में इस बार काफी सख्ती से जांच की जाएगी।
धान बेचने के लिए खरीदी केंद्र पहुंचे वाले किसानों का पहले बायोमीट्रिक मशीन में अंगूठा और उंगलियों के निशान का मिलान किया जाएगा। मिलान होने पर ही किसान धान बेच पाएंगे। मिलान नहीं हो पा रहा है, तो आधार नंबर से जुड़े मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजकर सत्यापन किया जाएगा। तैयारी पूरी, जल्द आएगी नई मशीन।
धान बेचने के लिए दुर्ग जिले के 1.10 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है। इन किसानों को धान बेचने के लिए दो तरह की सुविधा दी गई है। इसमें या तो किसान खुद जाकर धान बेच सकेगा या अपने नामित व्यक्ति का चयन कर सकेंगे। किसानों का आधार वेरीफिकेशन कर लिया गया है। इसके अलावा हर किसान की ऋण पुस्तिका की भी जांच की गई है।