रायपुर -छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में रायपुर दक्षिण प्रत्याशियों को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बीते बुधवार को राजीव भवन में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं शाम तक कांग्रेस ने दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। इसमें पैरासूट प्रत्याशी को मैदान के उतारा गया है। कार्यकर्ता इसी का विरोध करने के लिए पहुंचे थे। कार्यकर्ता दक्षिण विधान सभा के लिए प्रत्याशी के रूप में कन्हैया अग्रवाल का समर्थन करने राजीव भवन पहुंचे थे। इसके अलावा कांग्रेस ने मंहत रामसुंदर दास को टिकट दिया गया है।
इस सूची में हाईप्रोफाइल सीट रायपुर शहर दक्षिण विधानसभा भी शामिल है। भाजपा का गढ़ माने जाने वाली इस सीट से कांग्रेस ने महंत राम सुंदर दास को टिकट दिया है, वह भाजपा दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री ब्रजमोहन अग्रवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।
महंत रामसुंदर कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं, उन्हें कांग्रेस सरकार ने उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है। बृजमोहन अग्रवाल 35 सालों से दक्षिण के विधायक हैं। महंत रामसुंदर दास रायपुर शहर के सबसे पुराने दुधाधारी मठ के प्रमुख हैं। फ़िलहाल छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष हैं। वर्ष 2001-2003 में कांग्रेस सरकार के समय वह संस्कृत बोर्ड के प्रथम अध्यक्ष बने थे। इसके अलावा वह छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के सदस्य भी रहे है।
महंत रामसुंदर दास ने साहित्य आचार्य की उपाधि लेने के बाद “रामायण कालीन ऋषि मुनियों का तुलनात्मक अध्ययन” विषय पर पीएचडी भी की है। 2003 में महंत राम सुंदर दास ने पामगढ़ से विधानसभा का चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। इसके बाद वह 2008 विधानसभा चुनाव में जैजेपुर से चुनाव लड़कर जीत गए थे। 2013 के चुनाव में उनको जैजेपुर में हार का सामना करना पड़ा था।
रायपुर शहर की विधानसभा सीट दक्षिण से भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल हमेशा ही चुनाव जीतते आये हैं। कांग्रेस द्वारा महंत रामसुंदर दास को यहां से प्रत्याशी बनाने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है। महंत रामसुंदर दास भले ही कांग्रेस पार्टी से जुड़े हों,लेकिन संत समाज में उनका बड़ा सम्मान हैं। भाजपा और कांग्रेस समेत सभी दलों के लोग इनका आदर करते हैं। इस प्रकार सियासी मैदान में उनका उतरना बृजमोहन अग्रवाल के लिए भी चिंता बढ़ने वाला होगा।