दिल्ली-एनसीआर के बाद पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप के झटके लगने से स्थानीय लोग दहशत में आ गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी की मानें तो पिथौरागढ़ से तकरीबन 48 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व में झटके आए हैं.
पिथौरागढ़/देहरादून – दिल्ली-एनसीआर के बाद उत्तराखंड में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4 मापी गई है. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप के ये झटके पिथौरागढ़ जिले से 48 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में महसूस किए गए. झटके महसूस होने से स्थानीय लोग दहशत में आ गए और घरों से बाहर निकल आए. बताया जा रहा है कि भूकंप के ये झटके सोमवार सुबह 9:11 बजे महसूस किए गए. बता दें कि इससे पहले रविवार को दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में भूकंप आया था. इन क्षेत्रों में पिछले कुछ महीनों में कई बाद भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं.
सोमवार सुबह को आए भूकंप में किसी तरह के जानमाल के नुकसान सूचना नहीं है. इससे पहले 5 अक्टूबर को भी उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया था कि आधी रात के बाद 3:49 बजे 3.2 तीव्रता का भूकंप आया था. रविवार शाम को दिल्ली-एनसीआर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे.गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद में झटके महसूस किए गए थे. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने फरीदाबाद में जमीन के 10 किलोमीटर नीचे भूकंप का केंद्र बताया था. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.1 मापी गई है. भूकंप करीब 4 बजकर 8 मिनट पर महसूस किया गया था. भूकंप के डर से लोग अपने घरों और ऑफिस के बाहर निकल आए थे. दो हफ्ते में दूसरी बार दिल्ली एनसीआर में भूकंप की वजह से धरती कांपी.
किस भूकंप जोन में आता है उत्तराखंड?
उत्तराखंड भूकंप जोन 4 और 5 में आता है, जिसकी वजह से यहां भूकंप का खतरा ज्यादा रहता है. उत्तराखंड के अति संवेदनशील जोन 5 की बात करें तो इसमें रुद्रप्रयाग (अधिकांश भाग), बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी जिले आते हैं. इसके अलावा उधम सिंह नगर, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी और अल्मोड़ा जोन 4 में आते हैं. बता दें कि जोन 4 और 5 को भूकंप के लिहाज से अतिसंवेदनशील माना जाता है. उत्तराखंड में अतीत में भी भूकंप आ चुके हैं और तबाही मच चुकी है.