रायपुर – ख्यातिलब्ध छत्तीसगढ़ी कलाकार अमृता बारले का निधन हो गया है. उनकी निधन की खबर से छत्तीसगढ़ के कला जगत में शोक की लहर है. अमृता बारले मिनीमाता राज्य अलंकरण और राष्ट्रपति से सम्मनित थी. मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में वह दाखिल था जहाँ उनका इलाज चल रहा था। आज उनका अंतिम संस्कार रिसाली मुक्तिधाम में होगा.
भरथरी कलाकार अमृता बारले के निधन से कला जगत गहरे सदमे में है. वो पिछले दो माह से बीमार थीं. उनका मेडिकल कालेज के आईसीयू में इलाज चल रहा था. विगत दिनों तबियत और बिगड़ने पर उन्हें शंकराचार्य हॉस्पिटल जुनवानी, भिलाई के आईसीयू में भर्ती कराया गया. इस अस्पताल में कल शाम उन्होंने अंतिम सांस ली. आज पूर्वान्ह 12 बजे तक पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए उनके निज निवास आशीष नगर भिलाई में रखा जाएगा. उसके बाद रिसाली मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार होगा.
राष्ट्रीय कलाकार सु अमृता बारले का जन्म दो मई 1958 में छत्तीसगढ़ के ग्राम बठेना, विकासखंड पाटन, जिला दुर्ग में हुआ था. उन्होंने मशहूर वरिष्ठ लोकगायक बैतल राम साहू के साथ प्रमुख लोकगीत गाए, जिसमें तोला बंदत हंव बाबा, जय सतनाम .चंदैनी तर्ज- कइसे करों मैं मया के बखान, मैं तो जीयत हांवों जोड़ी मोर तोरे च खातिर तथा मोर बासी के खवाइया कहां गए रे… प्रमुख हैं.