छत्तीसगढ़ पीएससी भर्ती घोटाले की हो सीबीआई जांच, दोषियों पर हो सख्त कार्रवाई
दुर्ग – छत्तीसगढ़ राज्य में प्रशासनिक सेवाओं की भर्ती के लिए बने राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा भर्ती प्रक्रिया में धांधली करते हुए कांग्रेस नेताओं और पीएससी अध्यक्ष के कई रिश्तेदारों का अनुचित तरीके से हुए चयन को लेकर पूरे प्रदेश के युवाओं में आक्रोश प्राप्त है, जिसे लेकर भारतीय जनता पार्टी दुर्ग जिला अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा के नेतृत्व में दुर्ग शहर के युवाओं ने प्रदेश सरकार द्वारा किए गए छल के खिलाफ साइंस कॉलेज दुर्ग के सामने हस्ताक्षर अभियान चलाया। इस हस्ताक्षर अभियान में राज्यपाल के नाम से तैयार मांगपत्र में पीएससी भर्ती प्रक्रिया को रद्द करके घोटाले की सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की गई है।
शासकीय साइंस कॉलेज दुर्ग के सामने जिला भाजपा द्वारा हस्ताक्षर अभियान शुरू करते ही कॉलेज के सैकड़ो छात्र हस्ताक्षर करने के लिए टूट पड़े। साइंस कॉलेज दुर्ग सहित आसपास के महाविद्यालय के सैकड़ो छात्रों ने अभियान स्थल पर पहुंचकर भारतीय जनता पार्टी जिला दुर्ग द्वारा चलाए जा रहे हैं हस्ताक्षर अभियान का समर्थन किया और एक स्वर में राज्य लोक सेवा आयोग के परीक्षा परिणाम को निरस्त कर सीबीआई जांच की मांग करते हुए दोषियों पर कार्यवाही किए जाने की बात दोहराई।
हस्ताक्षर अभियान के दौरान छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए जिला भाजपा अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा ने कहा कि भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश में हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार हुआ है लेकिन छत्तीसगढ़ पीएससी की भर्ती में भ्रष्टाचार करके भूपेश सरकार ने सारी हदें पार कर दी है। किसी भी अभिभावक और उसके बच्चों का एक ही सपना होता है कि अच्छी पढ़ाई लिखाई करने के बाद पीएससी परीक्षा के माध्यम से प्रशासनिक कैरियर को अपनाकर डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी, लेखा अधिकारी, जीएसटी अधिकारी जैसे पदों के माध्यम से भारत माता और छत्तीसगढ़ महतारी की जीवन पर्यंत सेवा करें लेकिन ऐसे अभिभावकों और उनके बच्चों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हुए प्रदेश सरकार ने भर्ती में जमकर घोटाला किया ।
प्रशासनिक सेवा के पदों की नीलामी करते हुए बोलियां लगा दी गई। छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, अमृत खलखो जैसे अधिकारियों और मंत्रियों के रिश्तेदारों का चयन किया गया है जो कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खास लोगों में से है। प्रदेश की सबसे बड़ी प्रशासनिक परीक्षा जिसमें निष्पक्षता की गारंटी होती थी उस परीक्षा में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा हो गई। प्रथम 14 पदों को रिश्वत लेकर गलत तरीके से चयनित किया गया, जिस पर हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है। कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग की प्रतिष्ठित छवि को हमेशा के लिए दागदार बना दिया।