कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने रविवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखकर 21 सितंबर को उच्च सदन की दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों के एक समूह के ‘राजनीतिक नारेबाजी’ करने की घटना पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
नई दिल्ली – कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने रविवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखकर 21 सितंबर को उच्च सदन की दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों के एक समूह के ‘राजनीतिक नारेबाजी’ करने की घटना पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
हाल में संपन्न हुए संसद के विशेष सत्र के दौरान उच्च सदन में हुई ‘स्तब्ध करने वाली घटना’ को लेकर राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक रमेश ने ‘गंभीर चिंता’ और ‘गहरी निरशा’ जताई है।
सूत्रों के अनुसार, रमेश ने अपने पत्र में कहा कि दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों के एक समूह को नारेबाजी और हंगामा करते हुए सुना गया।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि इस घटना से सदन के भीतर नियमों को लागू किये जाने को लेकर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
रमेश ने कहा कि राज्यसभा में कड़े सुरक्षा उपायों और उसके मार्शलों की कड़ी मेहनत के बावजूद, लोगों के एक समूह ने राजनीतिक नारेबाजी की।
सूत्रों ने रमेश के पत्र के हवाले से कहा कि यह घटना नियम 264 का स्पष्ट उल्लंघन है जो संसदीय सत्रों के दौरान दर्शक दीर्घा में बैठे व्यक्तियों से अपेक्षित आचरण को स्पष्ट रूप से रेखांकित करता है।
उन्होंने कहा कि राज्यसभा में प्रक्रिया और कामकाज के संचालन के प्रावधानों में शामिल नियम 264 में आगंतुकों के लिए नियम तय किए गए हैं।
रमेश ने धनखड़ को भेजे अपने पत्र में कहा कि 50 से अधिक आगंतुकों का नारा लगाना ‘गंभीर चिंता’ का विषय है। उन्होंने कहा कि इस गंभीर उल्लंघन के विरोध में विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन से बर्हिगमन किया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह जरूरी है कि घटना की गहन जांच कराई जाए ताकि पता चल सके कि राज्यसभा के अंदर किस तरह सुरक्षा और इसकी गरिमा का उल्लंघन संभव हुआ।’’
उन्होंने कहा कि व्यवधान के जिम्मेदार व्यक्तियों को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। रमेश ने पत्र में कहा कि जो भी सांसद इस घटना को बढ़ावा देने में शामिल पाया जाएगा उसे भी परिणाम भुगतना पड़ेगा।
कांग्रेस नेता ने इस विषय के समाधान के लिए राज्यसभा के सभापति से तुरंत और कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें संसद की पवित्रता को अक्षुण्ण रखने के लिए हर चीज करनी चाहिए।’’