भाजपा से मोहभंग होने पर कांग्रेस में लौटने वाले टंडन, ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके दिवंगत पिता माधवराव सिंधिया के कट्टर समर्थकों में गिने जाते रहे हैं. वह उन नेताओं में शामिल थे जो वर्ष 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया की सरपरस्ती में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे.
इंदौर – केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुवाई में तीन साल पहले कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी में गए वरिष्ठ नेता प्रमोद टंडन ने शनिवार को मध्यप्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष कमलनाथ की मौजूदगी में अपने पुराने दल में घर वापसी की. उन्होंने राज्य में नवंबर में संभावित विधानसभा चुनावों से करीब दो महीने पहले पाला बदल लिया है. इंदौर निवासी टंडन भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य थे और उन्होंने हाल ही में पार्टी छोड़ दी थी.
भाजपा से नाता तोड़ चुके दो अन्य स्थानीय नेताओं- रामकिशोर शुक्ला और दिनेश मल्हार को भी शहर में कमलनाथ की मौजूदगी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस में विधिवत शामिल किया गया. उन्होंने राज्य की महिलाओं और कर्मचारियों के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लुभावनी घोषणाओं पर निशाना भी साधा.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘विधानसभा चुनाव आने पर चौहान को लाड़ली बहनों और कर्मचारियों की याद आ रही है. मुख्यमंत्री सोचते हैं कि (घोषणाओं के जरिये) वह अपने पाप धो पाएंगे, लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि प्रदेश के मतदाता उनके चुनावी प्रलोभन में नहीं आएंगे.’
सिंधिया परिवार के कट्टर समर्थक
भाजपा से मोहभंग होने पर कांग्रेस में लौटने वाले टंडन, ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके दिवंगत पिता माधवराव सिंधिया के कट्टर समर्थकों में गिने जाते रहे हैं. वह उन नेताओं में शामिल थे जो वर्ष 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया की सरपरस्ती में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. चुनाव से पहले वरिष्ठ नेता का पार्टी छोड़ कांग्रेस में वापस आना बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.