रायपुर – हरतालिका तीज हर वर्ष भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक, हरतालिका तीज के दिन माता पार्वती को 16 श्रृंगार अर्पित करते हैं। यह व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए किया जाता है।
ऐसे करें हरतालिका तीज की पूजा
हरतालिका तीज के दिन महिलाओं को सुबह जल्दी घर की अच्छे से सफाई करना चाहिए और स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए। भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करके निर्जला व्रत रखा जाता है, इसलिए अन्न जल का सेवन नहीं करना चाहिए। सेहत संबंधी कारणों से यदि आप निर्जला व्रत नहीं कर सकते हैं, तो फलाहार ले सकते हैं।
सुहागिन महिलाओं को मिलता है सौभाग्य
सुहागिन महिलाओं को पूजा से पहले 16 श्रृंगार जरूर करना चाहिए। पूजन में माता पार्वती को 16 श्रृंगार सामग्री अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा बेलपत्र, शमी के पत्ते, धतूरा आदि भगवान शिव को अर्पित करें। पौराणिक मान्यता है कि शिव-पार्वती की पूजा करने से सुहागिन महिलाओं को अनंत सौभाग्य मिलता है और वैवाहिक जीवन में कभी कोई कठिनाई नहीं आती है।
ऐसे तैयार करें पूजा की थाली
Hartalika Teej पर तैयार की जाने वाली थाली में इन चीजों को जरूर रखना चाहिए। इसके बिला पूजा थाली अधूरी मानी जाती है। पूजा थाली में घी, दीपक, आग, प्रकाश, कपास की बत्ती, कपूर, सुपारी और पान, आम के पत्ते, गुलाल युक्त सफेद फूल, नारियल, चंदन, जनेऊ और फल जरूर रखना चाहिए। इसके अलावा माता पार्वती को अर्पित करने के लिए १६ श्रृंगार (कालज, मेहंदी, बिंदी, चूड़ियां आदि) रखना चाहिए। भगवान भोलेनाथ को बेल के पत्ते, धतूरे के फूल और फल, शमी के पत्ते, केले, पान के पत्ते, कनेर के फूल और फल आदि अर्पित करना चाहिए।