दुर्ग – छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से बहने वाली जीवनदिनी शिवनाथ नदी इन दिनों मानो लोगों का काल बनी हुई है. पिछले डेढ़ से दो महीनों में शिवनाथ नदी में डूबने से लगभग डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोग अपनी जान गवा चुके हैं. कोई शिवनाथ नदी में कूदकर आत्महत्या कर लेता है तो दुर्घटना का शिकार होकर शिवनाथ नदी में डूबे हैं. अब तक ऐसे कई केस हैं, जिसको पुलिस सुलझाने का प्रयास कर रही है.
दरअसल, आप लोग आए दिन अखबारों या किसी अन्य माध्यम से दुर्ग जिले से पढ़ने को मिलता है कि शिवनाथ नदी में डूबने से किसी की मौत हुई है. अभी बरसात का महीना चल रहा है. छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ दिनों से कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है. बारिश की वजह से शिवनाथ नदी पर बने कई एनीकट भी डूब गए हैं. अब सवाल यह उठता है कि इतने लोगों की मौत होने के बाद जिला प्रशासन क्या कोई ठोस कदम उठाएगा? या फिर शिवनाथ नदी में लोगों के डूबने का सिलसिला जारी रहेगा.
बोलेरो कार सहित 5 की डूबने से मौत
पिछले दिनों की बात की जाए तो शिवनाथ नदी के दुर्ग में बने पुराना पुल से एक बोलेरो कार शिवनाथ नदी में गिर गई थी. जिसमें लगभग पांच लोग सवार थे इन 5 लोगों की मौत शिवनाथ नदी में डूबने से हुई थी. इस मामले की जांच पुलिस अब भी कर रही है. पुलिस शवों की पहचान कर चुकी है, लेकिन इन पांचो लोगों का आपस में क्या संबंध था और वह शिवनाथ नदी के इस छोटे पुल से क्यों गुजर रहे थे और क्या वे लोग दुर्घटना के शिकार हुए हैं या फिर इसके पीछे कोई और वजह है? पुलिस फिलहाल इसकी जांच कर रही है.
प्रशासन उठाएगा कोई ठोस कदम!
सवाल यह उठता है कि आखिर शिवनाथ नदी में अचानक लोगों के डूबने की घटनाएं क्यों बढ़ गई है. इसके पीछे क्या वजह है? ऐसा माना जा रहा है कि लोग डिप्रेशन की वजह से या फिर किसी अन्य वजह मौत को गले लगाने का सबसे आसान तरीका शिवनाथ नदी को चुन रहे हैं. इन दिनों शिवनाथ नदी अपने रौद्र रूप में है. नदी जलस्तर बढ़ा हुआ है, लेकिन सवाल यह भी उठता है कि जब शिवनाथ नदी में आये दिन लोगो की मौत की घटना सामने आ रही है तो जिला प्रशासन इन घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठा रहा है? क्या जिला प्रशासन इन घटनाओं को रोकने के लिए किसी तरह कोई ठोस कदम उठाया है. अगर कदम उठाया है तो फिर यह घटना क्यों हो रही है? अगर नहीं उठाया है तो फिर क्यों नहीं उठाया है, यह एक बड़ा सवाल है?