रायपुर – हमारे पौराणिक कथाओं, पुराणों, वेदों आदि धर्मग्रंथों में गाय का बार-बार जिक्र आता है। माना जाता है कि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है, इसलिए भारत में गाय को गौ माता भी कहते हैं। द्वापर युग में भगवान श्रीकृ्ष्ण की अधिकांश बाल लीलाएं गौ माता के साथ ही देखने को मिलती हैं। भगवान श्रीकृ्ष्ण अपने बाल सखाओं के साथ जंगल में गाय चराते जाते हैं। सदियों से गाय और इंसानों के बीच अटूट रिश्ता रहा है। कुछ ऐसा ही देखने को मिला है छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में। यहां पंडरी स्थित महालक्ष्मी कपड़ा मार्केट में एक गाय रोज क्लाथ शोरूम में आती है। दरवाजा खोलकर शोरूम के अंदर घुस जाती है और मालिक की गद्दी पर बैठ जाती है। वह 1 घंटे तक गद्दी पर ही बैठी रहती है। इस दौरान शोरूम का मालिक गाय को प्यार से दुलारते हैं। उसे सेब खिलाते हैं।
गाय और शोरूम मालिक के बीच इस प्रेम-स्नेह के अटूट रिश्ते की चर्चा सुनकर प्रदेश के कोने-कोने से लोग गाय को देखने रायपुर पहुंच रहे हैं। हर कोई अपनी आंखों से इस प्रेम के रिश्ते को देखना चाहता है। अपने मोबाइल में कैद करना चाहता है। कपड़ा शोरूम के मालिक अखिल जैन पद्म डाकलिया गाय को प्यार से ‘चंद्रमणि’ कहकर पुकारते हैं। यहां तक की चंद्रमणि उनके घर भी पहुंच जाती है। इस दौरान उनकी पूरी फैमिली चंद्रमणि को प्यार-दुलार देते हैं। उसे प्यार से सहलाते हैं। गाय को प्रसाद के रूप में रोज 5 से 6 किलो सेब खिलाते हैं। उसका 300 किलोग्राम वजन है।
पद्म डाकलिया कहते हैं कि चंद्रमणि गाय पहली बार वर्ष 2016 में धनतेरस के दिन दुकान में के अंदर घुसी थी। उस दौरान उसे देखकर वर्कर घबराकर भगाने लगे थे। फिर मैंने ईश्वर का शुभ संकेत मानकर उन्हें ऐसा करने से मना किया। उसे प्रसाद खिलाया। तब से लेकर आज तक गाय के दुकान में आने का सिलसिला बरकरार है।
वो रोज दोपहर 12 या 3 बजे के बाद दुकान के अंदर आकर आराम से गद्दी पर बैठ जाती है। इस दौरान ग्राहक ये दृश्य देखकर आश्चर्यचकित रह जाते हैं। अब रोज-रोज आने से लोग उसे पहचानने लगे हैं। लोग गद्दे पर बैठे उसके साथ सेल्फी भी लेते हैं।
एपल काऊ के नाम से है फेमस
अमर उजाला से खास बातचीत में पद्म डाकलिया ने बताया कि कई सालों से गाय को अपने हाथों से एपल खिला रहे हैं। यह देखकर कपड़ा मार्केट के अन्य व्यापारी भी इसे एपल गाय के नाम से पुकारते हैं। सभी प्यार से उसे सेब खिलाते हैं। उनका कहना है कि मां और बेटे के समान उनका संबंध बरकरार है। खैरागढ़ जिले में मनोहर गौशाला के नाम का उनका एक ट्रस्ट भी है, जो गायों की सेवा करता है। बीते कई सालों से यहां छत्तीसगढ़ की पूर्व राज्यपाल अनुसुईया उइके से लेकर पीएम नरेंद्र मोदी तक को गौ से जुड़े प्रोडक्ट भेजे चुके हैं। यहां पर गाय के लिए मेडिकल की भी व्यवस्था है।अमर उजाला