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नाम बदलने का अनुरोध प्राप्त होने पर ही किया जाता है विचार – ‘भारत’ विवाद पर संरा प्रवक्ता

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संयुक्त राष्ट्र – जी-20 के रात्रिभोज निमंत्रण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ‘प्रेसिडेंट आॅफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट आॅफ भारत’ कहे जाने संबंधी विवाद के बीच संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि वैश्विक निकाय नाम बदलने के लिए अनुरोध प्राप्त होने के बाद ही देशों की इस तरह की मांग पर विचार करता है।मिसाल के अनुसार, इसके लिए शायद विदेश मंत्री एस. जयशंकर का एक पत्र ही काफी होगा।

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस के उप-प्रवक्ता फरहान हक ने बुधवार को पिछले साल तुर्की द्वारा अपना नाम बदलकर तुर्किये किए जाने का हवाला दिया।’इंडिया’ का नाम बदलकर ‘भारत’ किए जाने की अटकलों से संबंधित सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ”तुर्किये के मामले में सरकार की ओर से आधिकारिक अनुरोध प्राप्त होने के बाद हमने कदम उठाया था। जाहिर है कि अगर हमें इस तरह का अनुरोध मिलता है, तो हम उस पर वैसे ही विचार करेंगे जैसे हमें प्राप्त होगा।”

अगले साल के चुनाव अभियान से पहले विपक्षी गठबंधन द्वारा खुद को इंडिया यानी भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन का नाम दिए जाने के बाद यह राजनीतिक रूप से एक जटिल मुद्दा बन गया है।

सत्ताधारी भाजपा अपने नाम में भारतीय का इस्तेमाल करती है, साथ ही अंग्रेजी शब्द पार्टी का भी इस्तेमाल करती है। विपक्षी कांग्रेस ने 1885 में अपने गठन के समय से ही स्वयं को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का नाम दिया और स्वतंत्रता आंदोलन की संवाहक बन गई।

जी-20 रात्रिभोज के निमंत्रण में राष्ट्रपति मुर्मू को ‘प्रेसिडेंट आॅफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट आॅफ भारत’ कहे जाने के बाद देश में विवाद छिड़़ गया है। विपक्षी दलों ने नरेन्द्र मोदी सरकार पर देश का नाम ‘इंडिया’ से बदलकर भारत करने की योजना बनाने का आरोप लगाया है।

इस बीच, प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को अपने मंत्रिपरिषद सहयोगियों से मुद्दे पर चल रहे राजनीतिक विवाद से बचने को कहा और उल्लेख किया कि ‘भारत’ देश का प्राचीन नाम है।