कोलकाता/बेंगलुरु/चेन्नई – पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि यह भलीभांति ज्ञात है कि ‘इंडिया’ ही भारत है तो अचानक ऐसा क्या हुआ कि आधिकारिक संदेश में देश का उल्लेख करते हुए केवल ‘भारत’ का इस्तेमाल करने की जरूरत आ पड़ी. ‘प्रेसीडेंट ऑफ भारत’ (भारत के राष्ट्रपति) के नाम से जी20 के रात्रिभोज के लिए निमंत्रण पत्र को लेकर उठे विवाद के संदर्भ में उन्होंने कहा कि दुनिया देश को ‘इंडिया’ के नाम से जानती है.
ममता ने शिक्षक दिवस के मौके पर यहां आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ”मैंने सुना है कि ‘इंडिया’ का नाम बदला जा रहा है. माननीय राष्ट्रपति के नाम से भेजे गए जी20 के निमंत्रण पत्र पर भारत लिखा हुआ है. अंग्रेजी में हम ‘इंडिया’ कहते हैं, ‘इंडियन कांस्टिट्यूशन’ कहते हैं, जबकि हिंदी में हम इसे ‘भारत का संविधान’ कहते हैं. हम सभी ‘भारत’ कहते हैं, इसमें नया क्या है?”
उन्होंने कहा, ”दुनिया हमें ‘इंडिया’ के नाम से जानती है. अचानक क्या हो गया कि देश के नाम को बदलने की जरूरत पड़ गयी?” ममता ने कहा, ”देश में इतिहास को फिर से लिखा जा रहा है.” भारत की अध्यक्षता में नौ और 10 सितंबर को दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन समेत दुनियाभर के नेता इसमें भाग लेंगे.
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तरफ से भेजे गए जी20 रात्रिभोज निमंत्रण पत्र को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा किया, जिसमें मुर्मू का उल्लेख ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के रूप में किया गया है. ममता ने राज्यपाल सी वी आनंद बोस पर भी निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को रोक रहे हैं.
उन्होंने कहा, ”राज्यपाल के कृत्य राज्य प्रशासन को पंगु बनाने का प्रयास हैं. वह वित्त विधेयकों को नहीं रोक सकते. अगर जरूरत पड़ी तो मैं राजभवन के बाहर धरने पर बैठूंगी.” मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि राज्यपाल पश्चिम बंगाल में स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों के कामकाज में हस्तक्षेप कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ”अगर राज्यपाल विश्वविद्यालयों के कामकाज में हस्तक्षेप करना जारी रखते हैं, तो हम निधि जारी करना रोक देंगे.” राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के तौर पर रविवार रात को सात विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति की थी.
जिन सात विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति की गई, उनमें प्रेसिडेंसी यूनिर्विसटी, मौलाना अबुल कलाम आजाद यूनिर्विसटी ऑफ टेक्नोलॉजी और यूनिर्विसटी ऑफ बर्द्धमान भी शामिल हैं. सूत्रों ने बताया कि नौ अन्य विश्वविद्यालयों के अंतरिम कुलपतियों के नाम भी तय कर लिए गए हैं और उन्हें ”जल्द ही” नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे.
‘इंडिया’ हमारे देश के लिए स्वीकार्य नाम, बदलकर ‘भारत’ करने की जरूरत नहीं : सिद्धरमैया
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंगलवार को कहा कि देश के लिए ‘इंडिया’ एक स्वीकार्य शब्द है और इसे अब ‘भारत’ के रूप में बदलने की जरूरत नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि इंडिया शब्द संविधान में निहित है और इसलिए ही इसे ‘कॉ्स्टिटट्यूशन ऑफ इंडिया’ कहा जाता है. मुख्यमंत्री जी20 के लिए रात्रिभोज निमंत्रण पर ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ (भारत के राष्ट्रपति) लिखे जाने के बाद छिड़े विवाद पर प्रतिक्रिया दे रहे थे.
सिद्धरमैया ने यहां संवाददाताओं को बताया, ”हमारे संविधान में यह (इंडिया) निहित है और इसलिए ही इसे ‘कॉ्स्टिटट्यूशन ऑफ इंडिया’ कहा जाता है. हमारे देश के लिए ‘इंडिया’ एक स्वीकार्य शब्द है. इसे भारत करना…. मुझे नहीं लगता कि इसकी जरूरत है.” जी20 के रात्रिभोज निमंत्रण के लिए राष्ट्रपति को ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के रूप में संर्दिभत करने का मामला सोशल मीडिया पर तूल पकड़ता जा रहा है, इस बीच विरोधी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार देश का नाम ‘इंडिया’ से बदलकर ‘भारत’ करने का प्रयास कर रही है.
जी20 शिखर सम्मेलन के लिए तय जगह ‘भारत मंडपम’ में शनिवार रात आठ बजे के लिए यह निमंत्रण दिया गया है.
भाजपा ने ‘इंडिया’ को बदलने का वादा किया था लेकिन अब सिर्फ नाम बदल रही है : स्टालिन
द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ‘इंडिया’ को बदलकर ‘भारत’ करना चाहती है. उन्होंने कहा कि भगवा दल विपक्षी गठबंधन के नाम ‘इंडिया’ से परेशान हो चुका है. जी20 के लिए रात्रिभोज निमंत्रण पर ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ (भारत के राष्ट्रपति) लिखे जाने पर छिड़े विवाद के बाद स्टालिन की टिप्पणी आई है.
स्टालिन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ” फासीवादी भाजपा शासन को सत्ता से हटाने के लिए गैर भाजपाई शक्तियों के एकजुट होने और अपने गठबंधन का नाम ‘इंडिया’ रखने के बाद अब भाजपा ‘इंडिया’ को ‘भारत’ करना चाहती है. भाजपा ने इंडिया को बदलने का वादा किया था लेकिन नौ साल बाद हम सभी को सिर्फ नाम बदले हुए नजर आ रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ”ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा ‘इंडिया’ शब्द से परेशान हो चुकी है क्योंकि उन्हें विपक्षी एकता की ताकत का अंदाजा हो गया है. चुनावों के दौरान ‘इंडिया’ भाजपा को सत्ता से बेदखल कर देगा. इंडिया, इंडिया ही रहेगा.” भाषा जितेंद्र माधव