उज्जैन – पुजारियों का कहना है कि महाकाल ज्योतिर्लिंग की पूजन परंपरा में श्रावणी पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन पुण्य पवित्र श्रावण मास का समापन होता है और भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का महाभोग लगाया जाता है। इस बार भी श्रावणी पूर्णिमा मनाई गई। भस्म आरती में भगवान महाकाल को सबसे पहले राखी बांधकर महाभोग लगाया गया।
श्रावण का उपवास खोलते हैं
पंडितों का कहना है कि जो भक्त सावन के पूरे महीने में उपवास रखते हैं, वे रक्षाबंधन के दिन भगवान महाकाल की लड्डू प्रसादी ग्रहण करके उपवास खोलते हैं। इसलिए भक्तों को पूरे दिन महाप्रसादी का वितरण किया जाता है। परंपरा अनुसार सवा लाख लड्डुओं का भोग भस्म आरती करने वाले पुजारी परिवार की ओर से लगाया जाता है। इसलिए इस बार का महाभोग पं प्रदीप गुरु के परिवार की ओर से भक्तों के सहयोग से लगाया गया। महापर्व पर मंदिर में विशेष पुष्प सज्जा की गई।