‘चंद्रयान-3 की लैंडिंग का बेसब्री से इंतजार कर रही’; सुनीता विलियम्स ने की इसरो की तारीफ
श्रीहरिकोटा – भारत का मिशन मून चंद्रयान-3 धीरे-धीरे सफलतापूर्वक अपने मंजिल के करीब पहुंच चुका है. पूरे भारत के साथ-साथ दुनिया की नजरें चंद्रयान-3 की लैंडिंग पर टिकी हुई हैं, जिसकी उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पुष्टि की है कि चंद्रमा के दक्षिणी छोर पर चंद्रयान-3 का ऐतिहासिक टचडाउन 23 अगस्त को शाम 6:04 बजे होगा।
चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर मॉड्यूल ने चंद्रयान-2 ऑर्बिटर के साथ सफलतापूर्वक कम्युनिकेशन स्थापित कर लिया है. साथ ही लैंडर हैज़र्ड डिटेक्शन एंड अवॉइडेंस कैमरा (एलएचडीएसी) द्वारा ली गई चंद्रमा के आसपास की तस्वीरें साझा की गईं.
बीते सोमवार को दोपहर तीन बजे के करीब इसरो ने ट्वीट कर जानकारी दी कि चंद्रयान-3 के लैंडर ने चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से सफलतापूर्वक कम्युनिकेशन स्थापित कर लिया.
चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने का बेसब्री से इंतजार कर रही – सुनीता विलियम्स
चंद्रयान-3 कल चंद्रमा पर लैंडिंग करेगा। इसे लेकर भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि वे प्रज्ञान रोवर के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने का इंतजार कर रही हैं। साथ ही उन्होंने अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र को आकार देने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका की भी सराहना की। विलियम्स ने कहा, “चंद्रमा पर उतरने से हमें अमूल्य अंतर्दृष्टि मिलेगी। मैं वास्तव में रोमांचित हूं कि भारत अंतरिक्ष अन्वेषण और चंद्रमा पर स्थायी जीवन की खोज में सबसे आगे है। यह वास्तव में रोमांचक समय है।”
इसरो ने चंद्रयान-2 की विफलताओं से बहुत कुछ सीखा है। ऐसे में चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग की संभावनाएं बढ़ गई हैं। चंद्रयान-2 में पहले रफ ब्रेकिंग फेज के लिए फर्स्ट ऑर्डर गाइडेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया गया था। फिर चंद्रयान-2 के फेल होने के बाद इसरो ने सबक लिया और चंद्रयान-3 में सेकेंड ऑर्डर गाइडेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया। इसके अलावा भी चंद्रयान-3 में कई ऐसे बदलाव किए गए हैं, जो चंद्रयान-2 में नहीं थे।