लगता है राहुल गांधी अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं : प्रह्लाद जोशी
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मणिपुर पर चर्चा नहीं कराने को लेकर कांग्रेस सहित विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार के बार बार चर्चा के आग्रह करने के बावजूद विपक्षी दलों ने दुर्भाग्यपूर्ण रूप से राजनीतिक कारणों से चर्चा में हिस्सा…
नई दिल्ली – संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मणिपुर पर चर्चा नहीं कराने को लेकर कांग्रेस सहित विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार के बार बार चर्चा के आग्रह करने के बावजूद विपक्षी दलों ने दुर्भाग्यपूर्ण रूप से राजनीतिक कारणों से चर्चा में हिस्सा नहीं लिया। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘‘ संसद में पेश और पारित किये गए विधेयक महत्वपूर्ण थे। मणिपुर के मुद्दे पर भी रक्षा मंत्री एवं लोकसभा के उपनेता राजनाथ सिंह और उच्च सदन के नेता पीयूष गोयल ने विपक्ष को भरोसा दिया था। हम चर्चा को तैयार थे। लेकिन हमारे बार बार आग्रह करने और प्रयास करने के बावजूद यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष ने राजनीतिक कारणों से चर्चा में हिस्सा लिया।”
मणिपुर से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह सदन में दो घंटे बोले जिसमें से एक घंटा वह मणिपुर के विषय पर बोले। लेकिन जिनको मणिपुर के बारे में पता नहीं, वे गैर जिम्मेदारना बयान दे रहे हैं। जोशी ने कहा कि राहुल गांधी का आज का बयान देशहित में नहीं है और ऐसा प्रतीत होता है कि वह मानसिक संतुलन खो बैठें हैं। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि तथाकथित ‘‘ग्रैंड ओल्ड पार्टी” गैर जिम्मेदारपूर्ण आचरण कर रही है।
‘भारत माता’ नहीं बल्कि असंसदीय शब्दों को हटाया गया
सदन की कार्यवाही से कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भाषण के कुछ अंशों को हटाये जाने के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह उनके अधिकार क्षेत्र का विषय नही है और असंसदीय शब्दों का एक संग्रह है और उसके अनुरूप ही असंसदीय शब्दों को हटाया जाता है। उन्होंने कहा कि लोकसभा में राहुल गांधी के भाषण से ‘भारत माता’ नहीं बल्कि असंसदीय शब्दों को हटाया गया।
जोशी ने कहा कि विपक्ष ने केवल दिल्ली सेवा से जुड़े एक विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लिया, वह भी इसलिये क्योंकि उन्हें गठबंधन के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करना था। बीस जुलाई से शुरू संसद का मानसूत्र सत्र आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। मणिपुर मुद्दे सहित कुछ अन्य विषयों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण मानसून सत्र के दौरान कामकाज बाधित रहा।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, ‘‘ मुझे वास्तव में विपक्ष के रूख को लेकर दुख हो रहा है क्योंकि संसद चर्चा का स्थान है। पिछली बार भी विपक्ष ने कुछ विषयों को उठाते हुए कार्यवाही को बाधित किया था, इस बार भी मणिपुर के मुद्दे पर कामकाज में बाधा डाली।” उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने विपक्ष को भरोसा दिया था, हम चर्चा को तैयार थे, आसन ने भी आग्रह किया था लेकिन विपक्ष ने सहयोग नहीं किया विधेयकों एवं अन्य विषय सूचीबद्ध होने के बावजूद विपक्ष ने चर्चा में हिस्सा नहीं लिया।”
विपक्ष के दावे गलत
प्रह्लाद जोशी अपने सहयोगी संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और वी मुरलीधरन के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि संसद में यह केवल सरकारी कामकाज नहीं था, बल्कि लोगों से जुड़ा कामकाज था लेकिन विपक्ष ने काम नहीं करने दिया। विपक्ष के दावों को गलत बताते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सरकार किसी भी विधेयक को बिना चर्चा के पारित नहीं करना चाहती थी। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में कुछ विधेयकों पर चर्चा भी हुई किंतु लोकसभा में केवल कुछ विधेयकों पर संक्षिप्त चर्चा हुई क्योंकि विपक्षी सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, ‘‘ इनमें से कई विधेयक ऐतिहासिक और मील के पत्थर थे। हम इन पर सार्थक चर्चा चाहते थे लेकिन कांग्रेस सहित विपक्ष ने चर्चा में हिस्सा लिया। वे चर्चा में हिस्सा लेना ही नहीं चाहते थे।” उन्होंने उम्मीद जतायी कि विपक्ष अगले सत्र में सहयोग करेगा। जोशी ने बताया कि लोकसभा में कार्य उत्पादकता करीब 45 प्रतिशत रही और 63 प्रतिशत रही।