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मणिपुर के मुद्दे पर लोकसभा में गतिरोध बरकरार, कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित

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नई दिल्ली – लोकसभा में सोमवार को भी मणिपुर के मुद्दे पर पिछले कुछ दिनों की तरह गतिरोध बरकरार रहा और विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न करीब 2:50 बजे दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे सदन की बैठक शुरू हुई तो कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्य मणिपुर के मुद्दे पर नारेबाजी करते हुए आसन के समीप आ गये। पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने शोर शराबे के बीच ही सभा पटल पर आवश्यक दस्तावेज रखवाये। 

हंगामे के बीच ही निचले सदन ने ‘चलचित्र (संशोधन) विधेयक, 2023’ को ध्वनिमत से मंजूरी दी। राज्यसभा में यह विधेयक पहले ही पारित हो चुका है। इस तरह विधेयक को अब संसद की मंजूरी मिल गयी है। लोकसभा द्वारा यथापारित ‘संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक, 2022’ और ‘संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022’ में राज्यसभा के संशोधनों को निचले सदन ने शोर-शराबे के बीच ही स्वीकृति दे दी। 

लोकसभा ने गत दिसंबर में हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ से संबंधित इन विधेयकों को पारित किया था। हिमाचल प्रदेश के सिरोमौर जिले के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने वाले ‘संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक, 2022’ को राज्यसभा ने गत 26 जुलाई को सरकार द्वारा लाये गये संशोधनों के साथ मंजूरी दी थी। छत्तीसगढ़ में धनुहार, धनुवार, किसान, सौंरा, साओंरा और बिंझिया समुदायों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने के प्रस्ताव वाले ‘संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022’ को उच्च सदन ने 25 जुलाई को मंजूरी दी थी। 

विपक्षी दलों के सदस्यों का शोर शराबा जारी रहने पर पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने कार्यवाही 2 बजक 50 मिनट पर मंगलवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले आज सुबह कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की दर्शक दीर्घा में मौजूद मलावी गणराज्य के संसदीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और उनके सफल एवं सुखद भारत प्रवास की कामना की। 

सदस्यों ने भी मेजें थपथपाकर मेहमान संसदीय प्रतिनिधिमंडल का अभिवादन किया। इसके बाद बिरला ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू कराया, उसी समय विपक्षी सदस्य मणिपुर के मुद्दे पर जल्द चर्चा कराने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जवाब की मांग करते हुए हंगामा करने लगे। हाथों में तख्तियां लिए हुए कई विपक्षी सांसद आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बीच ही शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे और कुछ अन्य सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर भी दिए। 

बिरला ने विपक्षी सदस्यों से नारेबाजी बंद करने और सदन चलने देने की अपील की। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बजकर करीब 15 मिनट पर अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के अन्य घटक दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर में जातीय हिंसा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संसद में वक्तव्य देने और इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे हैं। 

इस मुद्दे पर हंगामे के कारण दोनों सदनों में कार्यवाही अब तक बाधित रही है। कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच गत बुधवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिस पर सदन में चर्चा के लिए मंजूरी दे दी गई थी। उस दिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा था कि वह सभी दलों के नेताओं से बातचीत करने के बाद इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तिथि तय करेंगे