Home छत्तीसगढ़ धर्म नाम पर मरने के बाद भी नसीब नहीं दो गज जमीन...

धर्म नाम पर मरने के बाद भी नसीब नहीं दो गज जमीन दफनाने को

42
0

कांकेर में एक धर्मांतरित व्यक्ति का शव दफनाने को लेकर विवाद हो गया। ग्रामीण और वार्डवासियों ने शव दफनाने का विरोध किया है। वहीं, प्रशासन ने जोर-जबरदस्ती करके शव को दफना दिया है, शव दफनाने को लेकर दो पक्षों के बीच हुआ विवाद

कोंडागांव – धर्म के नाम पर मौत के बाद भी दफनाने के लिए दो गज जमीन नसीब नही। ऐसा इसलिए कहा जा रहा कि आज लोग धर्म जाती के नाम पर आपस में बट गए है और इसमें राजनैतिक पार्टियां भी आग में घी डालने के जैसे कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के पीछे नही रहती। कुछ लोग धर्म के ठेकेदार बन बैठे हैं । जबकि ईश्वर अल्ला ईशू सब एक ही नाम जब ऊपर वाले ने लोगों को एक जैसा बनाया है साथ ही भारत मे रहने वाले लोगों को भारत का संविधान ने मौलिक अधिकार दिया है कि वह किसी भी धर्म मे पैदा हुआ हो वह जाहे तो अपना धर्म परिवर्तन कर सकता हैं और उस धर्म को अपना सकता हैं फिर क्यों लोग भारत के संविधान कोनहीं मान रहे हैं।

पखांजुर थाना क्षेत्र में ईसाई धर्म को मानने वाले व्यक्ति के शव को दफनाने को लेकर बवाल मचा हुआ है। शव दफनाने का विवाद शनिवार को शुरू हुआ था। ग्रामीणों ने शव दफनाने का विरोध किया और पखांजुर थाने के सामने धरने पर बैठ गए थे। धरने पर बैठे ग्रामीणों ने मांग की थी, जिस जिस जगह शव दफनाया गया है। विवाद बढ़ता ही गया और रविवार को व्यापारियों ने दुकानें बंद कर दीं। मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। पूर्व विधायक भोजराज नाग सहित युवा मोर्चा और बजंरग दल के कार्यकर्ता विरोध में उतर आए हैं। वहीं, पुलिस ने विवाद की स्थिति को देखते हुए पखांजुर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिए गए है.

ऐसा इसलिए बताना पड़ रहा है क्योंकि आज ऐसे ही एक कोंडागांव जिला के अन्तर्गत आने वाले ग्राम बड़भत्तर में रहने वाले एक आदिवासी परिवार के द्वारा धर्म परिवर्तन करते हुए अन्य धर्म को मानना सुरु कर दिया था। उस धर्म परिवर्तन करने वाले परिवार में एक व्यक्ति की मौत के बाद अंतिम संस्कार करने के दौरान विवाद हुआ । धर्म को मानने वाले लोगों के द्वारा अन्य धर्म परिवर्तन करने वाले परिवार में मृत व्यक्ति को अंतिम संस्कार करने के लिए रोका गया और विवाद बढ़ता चला गया।

क्या था पूरा मामला ग्राम बडभत्तर में शनिवार रात को एक मतांतरित ग्रामीण की मौत के बाद रविवार सुबह परिजन मृतक के शव को अपने खेत में दफनाने की तैयारी कर रहे थे, उसी दौरान शव दफनाने की जानकारी होते ही ग्रामीण एकत्रित हुए और गांव की जमीन पर शव दफनाने का विरोध करने लगे, जिससे गांव में दो पक्षों के बीच तनाव की स्थिति निर्मित हो गई। पुलिस व प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच दोनों पक्षों से बातचीत कर समझाइश देने का प्रयास जारी था । तथा समाचार लिखे जाने तक अप्रिय स्थिति से निपटने पुलिस ने गांव में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया था।

प्रशासन कर रहा मनमानी
नगर पंचायत अध्यक्ष बप्पा गांगुली ने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि किसी अज्ञात व्यक्ति को वार्ड में दफनाया गया है। पूर्व में वह जेल के लिए आरक्षित था और नगर पंचायत में किसी प्रकार का एनओसी नहीं दिया है। पखांजूर एसडीएम कह रहे हैं कि ढाई एकड़ जमीन को क्रिश्चियन समुदाय के कब्रिस्तान के लिए आरक्षित किया गया है। प्रशासन अपनी मनमानी से यह काम कर रहा है। क्रिश्चियन समुदाय के कब्रिस्तान के लिए किसी प्रकार की जमीन आरक्षित नहीं की गई है।

पखांजूर एसडीएम अंजोर सिंह पैकरा ने बताया कि शिकायत आई थी कि गांव में धर्मांतरित व्यक्ति का शव दफनाने नहीं दिया जा रहा है। सूचना पर पुलिस के सहयोग से उन्हें मनाने की कोशिश की गई, लेकिन वह नहीं माने। इसके बाद नगर पंचायत के वार्ड में शव दफनाया गया। उनके पूर्व पदस्थ अधिकारी ने इस भूमि का आवंटन किया है। वर्तमान में विरोध कर रहे वार्डवासियों से बातचीत कर समाधान निकालने का प्रयास किया जा रहा है।