बीजापुर – नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के 211 संविदा कर्मियों की बर्खास्तगी की गूंज राजधानी में गूंजी। संगठन ने राजधानी में बर्खास्तगी को लेकर प्रदर्शन करते हुए राजभवन कूच किया और राज्यपाल को इच्छा मृत्यु की मांग वाला ज्ञापन सौंपा।
बीते 3 जुलाई से नियमितीकरण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे संविदा कर्मियों में नेशनल हेल्थ मिशन के 211 कर्मियों को सोमवार को बीजापुर कलेक्टर राजेन्द्र कटारा ने बर्खास्त कर दिया था। एनएचएम कर्मियों पर हुई कार्रवाई की संगठन ने घोर निंदा की हैं। बर्खास्तगी के आदेश को संगठन ने तुगलकी फरमान बताते हुए हड़ताली कर्मचारियों से संवाद स्थापित करने की बजाय करवाई को अलोकतांत्रिक बताया हैं।
मंगलवार को संगठन ने राजधानी रायपुर के घड़ी चौक स्थित बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा के सामने से लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए एकत्रित होकर राजभवन की ओर कूच किया और राज्यपाल के नाम इच्छा मृत्यु की मांग का पत्र राजभवन में सौंपा है। संगठन का कहना है कि 211 परिवार के लिए नौकरी नहीं, उनकी रोजी-रोटी को छीना गया हैं। वहीं दूसरी तरह यहां बीजापुर में संगठन के एक प्रतिनिधि मंडल ने स्थानीय विधायक से मिलकर आदेश को निरस्त करने की मांग करने का पत्र सौंपा है।
संविदा कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष रमाकांत पुनेठा ने बताया कि बीजापुर जिला संवेदनशील और आदिवासी बाहुल्य जिला हैं। इस जिले में स्वास्थ्य अमला जान जोखिम में डालकर नदी पार कर ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराते हैं। ऐसे में उन पर संवेदनशीलता पूर्वक विचार करने की बजाय कार्रवाई करने की हम घोर निंदा करते हैं।au