छत्तीसगढ़ में ईडी ने बड़ी कर्रवाई की है. IAS रानू साहू को कोयला घोटाले मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. ईडी का दावा है कि रानू साहू ने क्राइम के पैसे से रिश्तेदारों के लिए प्रॉपर्टी खरीदी है.
रायपुर – छत्तीसगढ़ में ईडी (ED) ने शनिवार सुबह बड़ी कर्रवाई करते हुए आईएएस अधिकारी रानू साहू (IAS Ranu Sahu) को कोयला घोटाला मामले में गिरफ्तार कर लिया है. इसके बाद ED ने रायपुर की स्पेशल कोर्ट में रानू साहू को पेश किया, जहां से कोर्ट ने 3 दिन की रिमांड मंजूर कर दी. अब 25 जुलाई तक ईडी रानू साहू को अपने कस्टडी में रखकर पूछताछ कर सकती है. इसके अलावा ED ने रानू साहू की 5.52 करोड़ रुपये की संपत्ति भी अटैच कर दी है.
कोर्ट में 1 घंटे तक चली बहस
बताते चलें कि शुक्रवार को ईडी ने रायपुर के ऑफिसर्स कॉलोनी में रानू साहू के बंगले में दबिश दी थी. इसके बाद आज सुबह 11 बजे के आसपास ईडी ने रानू साहू को गिरफ्तार कर रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया. एक घंटे की दलील के बाद कोर्ट ने ईडी को 3 दिन की रिमांड दे दी. इसके बाद रानू साहू के बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी ने मीडिया से बातचीत कर ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाया है. वहीं ईडी के वकील ने रानू साहू पर पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं करने का दावा किया है.
डायरी में RS लिखा मिलने पर गिरफ्तारी
रानू साहू के वकील फैसल रिजवी ने कहा कि कोल स्कैम में रानू साहू को अरेस्ट किया गया है. अक्टूबर से लेकर जनवरी तक उनको बुलाया गया. जब जब बुलाया गया तब तब ईडी का सहयोग उन्होंने किया है. जनवरी से आज तक इनको और कोई समन नहीं आया है. 21 जुलाई को सुबह अचानक ईडी की टीम आ गई और आज इनको कोर्ट में पेश किया गया है. ईडी की तरफ से एलिगेशन लगाया गया है कि रानू साहू जब कोरबा में कलेक्टर थी तब के व्हाट्सएप चैट रानू साहू का उल्लेख है और एक डायरी उपलब्ध हुई है उसमें RS लिखा गया है. इस आधार पर उनको गिरफ्तार किया गया है. जो व्हाट्सएप चैट बताया जा रहे है, वो किसी के मोबाइल से नहीं निकाले गए है. यह ईडी कहां से लाई है इसका साक्ष्य उन्होंने पेश नहीं किया है.
स्कैम के पहले की संपत्ति को अटैच किया
इसके आगे फैजल रिजवी ने ईडी के प्रापर्टी अटैच को लेकर भी सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि रानू साहू के माता-पिता की कुछ प्रॉपर्टी अटैच किया गया है. वह जो प्रॉपर्टी खरीदी गई है. वह साल 2019 के पहले की है और ईडी की तरफ से बताया जा रहा है कि इस ये स्कैम 2020 का है. तो प्रॉपर्टी अटैच का कोई मतलब नहीं है. सुनवाई के दौरान रानू साहू ने खुद कहा अंदर खड़े होकर कहा है कि इन्होंने जब जब बुलाया है मैं गई हूं मैं और कुछ नहीं कहना चाहती हूं. उन्होंने खुद अपनी रिमांड पर अपत्ति दर्ज किया है.
‘रानू साहू जवाब नहीं देती थीं इसलिए हुई गिरफ्तारी’
IAS रानू साहू की गिरफ्तारी पर ईडी के वकील सौरभ पाण्डेय ने कहा कि कोल लेवी स्कैम में उनका रोल होने की वजह से गिरफ्तार किया गया है. पूछताछ के लिए और बहुत सारे जो हमारे पास डाटा उपलब्ध है उसे कंफर्म कराने के लिए गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले पूछताछ के लिए बुलाया जाता था तो संतोषजनक जवाब नहीं मिलता था. वो पूछताछ में केवल यही कहती थी कि मुझे नहीं मालूम, मैं नहीं जानती इसके अलावा तो विटनेस से कंफर्म कराना होगा.उसमे में भी भाग नहीं लेती थी. ऐसी परिस्थिति में हमें अरेस्ट करने की जरूरत पड़ी
‘जनरेटेड पैसा से रिश्तेदारों के लिए प्रोपर्टी खरीदी गई’
सौरभ पाण्डेय ने बताया रानू साहू की 5.52 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच किया गया था. उनकी प्रापर्टी को हमने 3 भाग में बांटा है. A,B और C हिस्से में और A हिस्से वाली प्रॉपर्टी को इन्होंने अपने रिश्तेदारों के लिए खरीदी है. पैसा इन्हीं का था जो जेनरेटेड क्राइम का पैसा था. दूसरे हिस्से की प्रापर्टी बेनामी दार है, उनके नाम से खरीदी हुई है. तीसरा हिस्सा यानी जितना हमने प्रोजेक्ट किया है इस क्राइम में वो हमे मूर्त रूप में दिखाई नहीं दे रहा है. जो दिख रही है उसे पीएमएलए के तहत जो पावर दिया गया है कि उसी वैल्यू की दूसरी प्रॉपर्टी सीज किया जा सकती है
पहले 9 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी
गौरतलब है कि अक्टूबर 2022 में जब कोयला ट्रांसपोर्टिंग मामले में ईडी ने रानू साहू के घर रेड मारा था. तब रानू साहू रायगढ़ कलेक्टर की जिम्मेदारी में थी तब भी ईडी ने कलेक्टर बंगले में रेड किया था. इसके बाद साथ लगातार रानू साहू के घर ईडी की टीम पहुंच रही थी. अब जब रानू साहू मंडी बोर्ड की एमडी और कृषि विभाग की डॉयरेक्टर के रूप में मंत्रालय में काम कर रही है तब ईडी ने रानू साहू को गिरफ्तार किया है.आपको बता दें कि इससे पहले कोल ट्रांसप्रोटिंग लेवी मामले में 9 और लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. ईडी ने दावा किया है कि राज्य में 500 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है. अब ये घोटाले की राशि भी बढ़ने का ईडी ने अनुमान जताया है.