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 पाकिस्तान को ईमानदारी से जीना है या भीख मांगकर? भारत का जिक्र कर भावुक हुए शहबाज

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पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि हमने आईएमएफ प्रोग्राम को मजबूरी में चुना, हमारे पास दूसरा विकल्प नहीं था। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तानी युवाओं के पूछा कि आज, हमें यह तय करना है कि ईमानदारी से जीना है या भीख मांगकर। शहबाज ने भारत की भी तारीफ की।

इस्लामाबाद – पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के बेलआउट पैकेज को लेकर सच कबूल ही लिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के ऋण कार्यक्रम को मजबूरी में स्वीकार किया था क्योंकि उसके पास कोई अन्य विकल्प नहीं था। शहबाज ने भारत की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारत आगे बढ़ गया है लेकिन हम अपनी ही गलतियों के कारण पीछे रह गए हैं। पेशावर के गवर्नर हाउस में पीएम युवा लैपटॉप योजना वितरण समारोह में कहा कि हमने आईएमएफ कार्यक्रम को ख़ुशी से नहीं चुना है और इसके बजाय, ऐसा करना हमारी मजबूरी थी। हमें कर्ज और भीख मांगने से छुटकारा पाने के लिए अपने पैरों पर खड़ा होना होगा।

शहबाज ने सऊदी अरब को बोला- थैंक्यू

शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान को मंगलवार को सऊदी अरब से 2 बिलियन डॉलर की राशि मिली है। इसले लिए उन्होंने सऊदी किंग सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को धन्यवाद दिया। उन्होंने सऊदी अरब से इस पैसे को पाने के लिए पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर की तारीफ भी की। हालांकि, शहबाज ने यह भी कहा कि यह जीने का तरीका नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने पाकिस्तान के निर्माण के लिए अपनी जान दी, वे मौजूदा स्थिति पर अपनी कब्रों में करवट ले रहे होंगे।

भारत की तारीफ, बोले- हम अपनी गलतियों से पीछे रहे

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हमारे लिए सोचने का मौका है। देश के संभ्रांत लोगों को इस पर विचार करना चाहिए। यह देश को पटरी पर लाने का समय है। उन्होंने पाकिस्तानी युवाओं को भरोसा देते हुए कहा कि देश के के संस्थानों, प्रांतों और संघीय सरकार ने कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी और खनिजों को बढ़ावा देने और निर्यात बढ़ाने के लिए एक व्यापक योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि भारत आगे बढ़ गया है लेकिन हम अपनी ही गलतियों के कारण पीछे रह गए हैं। प्रधानमंत्री शहबाज ने आश्चर्य व्यक्त किया कि देश ने अपने लिए किस प्रकार का जीवन चुना है, जिसमें उसके नेता दूसरे देशों का दौरा करते समय मेजबानों के ऋण अनुरोधों के प्रति तिरस्कार को आसानी से उनके चेहरे पर पढ़ सकते हैं।

पूछा- हमें ईमानदारी से जीना है कि भीख मांगकर

शहबाज शरीफ ने कहा कि आज, हमें यह तय करना है कि ईमानदारी से जीना है या भीख मांगकर। उन्होंने कहा कि उनकी कहा कि सरकार कृषि और उद्योगों में क्रांति लाना चाहती है और कीमतों को नियंत्रण में लाना चाहती है। ये हमारी प्रमुख चुनौतियां हैं। प्रधानमंत्री शहबाज ने कहा कि चालू वर्ष के दौरान देश में छात्रों को 100,000 लैपटॉप वितरित किए जाएंगे और यह पूरी तरह से योग्यता के आधार पर होगा। केवल योग्यता ही इस देश को बचा सकती है। सफ़िरश और भ्रष्टाचार ने जोर पकड़ लिया है और इसे खत्म करना युवाओं का काम है।