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नेशनल हाइवे पर लगाए जा रहे हाईटेक कैमरे, अनफिट गाड़ियों की करेंगे पहचान

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रायपुर – राजधानी के प्रमुख चौराहों पर लगे हाईटेक सुविधाओं वाले आईटीएमएस (इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) कैमरे की तरह नेशनल हाइवे पर भी कैमरे लगाए जा रहे हैं। इन कैमरों में ऐसा साफ्टवेयर अपलोड किया जा रहा है जो गाड़ी का नंबर देखकर ये पता लगाएगा कि गाड़ी का इंश्योंरेंस है या नहीं? उसका परमिट और फिटनेस अपडेट है या एक्सपायर हो चुका है? गाड़ी का टैक्स अदा किया जा रहा है या नहीं? किसी भी गाड़ी में इस तरह की एक भी खामी सामने आने पर कैमरा ई.चालान करेगा। चालान की कॉपी वाहन मालिक के घर भेजकर चालान वसूला जाएगा। शहरी क्षेत्र में लगे कैमरों की तुलना में हाइवे के कैमरे ज्यादा पॉवरफुल और एडवांस हैं।

नए कैमरऐं का आरटीओ की साइट से लिंक रहेगा। उसी के माध्यम से पता चलेगा कि किस गाड़ी का फिटनेस, टैक्स या दस्तावेज पूरे नहीं हैं या उसमें किसी तरह की कोई खामी तो नहीं है। ऐसा होने पर वाहन चालक के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी। परिवहन विभाग ने इसके लिए सॉफ्टवेयर तैयार करवा लिया है। इसमें ऐसी गाड़ियों की जानकारी होगी, जिनके दस्तावेज कंप्लीट नहीं है। कैमरा जैसा ही गाड़ी का नंबर स्कैन करेगा, उसकी सारी जानकारी कंट्रोल रूम में बैठे कर्मचारी के कंप्यूटर की स्क्रीन पर दिखाई देगी। पहले चरण में रायपुर समेत 9 नेशनल हाइवे में कैमरा लगा है। यह राज्य की 50 सड़कों पर लगना है।

ये दस्तावेज नहीं होने पर होगी कार्रवाई

किसी वाहन को सड़क पर चलाने के लिए टैक्स, पंजीकरण प्रमाण पत्र, फिटनेस प्रमाण पत्र, परमिट (यदि परिवहन वाहन है तो), बीमा और सभी वाहनों के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) जैसे वैध दस्तावेज होने अनिवार्य है। सभी वाहन चालकों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य है। पर्सनल वाहनों के लिए फिटनेस और परमिट की आवश्यकता नहीं होती है। ये दस्तावेज नहीं होने पर कार्रवाई नहीं की जाएगी। परिवहन विभाग में इसका डेटाबेस तैयार किया जा रहा है।

शहर के 56 से ज्यादा चौक पर कैमरे से निगरानी

रायपुर के भीतर 56 चौक पर आईटीएमएस के तहत 600 से ज्यादा कैमरा लगाए जा चुके हैं। यह कंट्रोल रूम दक्ष से जुड़ा हुआ है। इसमें रोजाना 150 से ज्यादा ई-चालान होता है। दो चरण में कैमरा लगाने का पूरा हो गया है। तीसरे चरण पर शहर के आउटर में कैमरा लगाने की तैयारी है। पुलिस ने इन इलाकों को चिन्हित कर लिया है। इसमें शहर के आउटर के इलाके भी शामिल हैं। शहर के आउटर और एंट्री पॉइंट पर हाईटेक सर्विलांस सिस्टम से मजबूत किया जा रहा है। ताकि गाड़ियां पर नजर रखी जाए सके। डीएसपी गुरजीत सिंह ने बताया कि शहर के आउटर में कुछ जगह पर कैमरा लगाने की जरूरत है, जहां पर ट्रैफिक का दबाव ज्यादा है।

नंबर प्लेट पर फोकस करता है कैमरा इसलिए लगाया

आरटीओ शैलाभ साहू ने बताया कि रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर में शहर के भीतर हाईटेक कैमरा लगा हुआ है। यह एएनपीआर ई-डिटेक्शन कैमरा लगा हुआ है। यह कैमरा सिर्फ नंबर प्लेट पर फोकस करता है। कंप्यूटर सिस्टम पर गाड़ी की पूरी जानकारी दिखाई देता है। तुरंत ई-चालान होता है। यही सिस्टम नेशनल हाइवे पर लगाया जा रहा है। अभी रायपुर -अभनपुर रोड पर कैमरा लगाया है। इसके अलावा महासमुंद बसना-पदमपुर रोड, सराईपाली-सारंगगढ़ रोड, जयराम नगर-मस्तूरी रोड, पत्थलगांव- अंबिकापुर रोड, डोंगरगढ़-राजनांदगांव रोड, रायगढ़- तुंदुवाभाटा, रायगढ़-सरिया और धमतरी- नगरी रोड में लगाया गया है। 50 और जगह चिन्हित किया गया है, जहां कैमरा लगाने का काम चल रहा है। इसमें खदान और औद्योगिक क्षेत्र शामिल हैं।